SUPREME COURT : ‘जब आप हारे, तब ही खराब होती है EVM’, बैलेट पेपर से चुनाव वाली याचिका पर SC का फैसला
SUPREME COURT: ‘EVM gets damaged only when you lose’, SC’s decision on the petition regarding ballot paper elections
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनावों में फिर से बैलेट पेपर के जरिए मतदान कराने के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने कहा कि जब आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती, और जब आप चुनाव हार जाते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ होती है. याचिकाकर्ता केए पॉल को पीठ ने कहा कि आपके पास दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं. आपको ये शानदार विचार कहां से मिलते हैं?
याचिकाकर्ता ने दी यह दलील –
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता ने बताया कि नेता चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे प्रमुख नेताओं ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर अपनी चिंता जता चुके हैं. उन्होंने एलन मस्क के इस दावे का भी हवाला दिया कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है. इसपर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने कहा कि ‘जब चंद्रबाबू नायडू या जगन मोहन रेड्डी हार गए थे तो उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाये थे. वहीं, जब उन्होंने जीत दर्ज की थी को उन्होंने ईवीएम पर कुछ नहीं किया. लुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इसे खारिज कर रहे हैं. जस्टिस नाथ ने कहा कि ‘यह वह जगह नहीं है जहां आप इस सब पर बहस कर सकते हैं.’
कई और दिशा निर्देश का याचिका में जिक्र –
याचिका में मतपत्र से मतदान कराए जाने के अलावा कई अन्य दिशा-निर्देश दिए जाने का भी अनुरोध किया गया था. याचिका में निर्वाचन आयोग को याचिकाकर्ता ने यह निर्देश देने का कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि यदि कोई उम्मीदवार चुनाव के दौरान मतदाताओं को धन, शराब या अन्य भौतिक प्रलोभन देने का दोषी पाया जाता है, तो उसे कम से कम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाए.