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आपतकाल के समय जेल रहे में राजनीतिक कैदियों की पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, छत्तीसगढ़ में सियासत शुरू, कांग्रेस ने रमन सिंह को घेरा

नई दिल्ली : 1975 आपातकाल के समय मीसा में जेल गए राजनीति लोगों को पेंशन देने की योजना पर सुप्रीम कोर्ट की रोक पर छत्तीसगढ़ में सियासत शुरू हो गई. कांग्रेस ने कहा है कि तत्कालीन रमन सिंह सरकार RSS के कार्यकर्ताओं पर 100 करोड़ रुपए लूटा दिया. इसके लिए बीजेपी को छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगनी चाहिए. दूसरी तरफ मीसाबंदियों के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले बीजेपी नेता सच्चिदानंद उपासने ने कहा अभी फैसला होना बाकी है.

दरअसल छत्तीसगढ़ में मीसाबंदियों की पेंशन को दोबारा चालू करने की हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल मीसाबंदियों के पेंशन को रोक लगा दी. इस पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख ने कहा कि रमन सरकार ने मीसाबंदियों के उपर 15 साल में लगभग 100 करोड़ की राशि लूटा दिया था. जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा अपने विचारधारा के संगठन के लोगों के ऊपर लुटाने का इससे बड़ा उदाहरण शायद नहीं होगा. आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं को इसलिये पेंशन दिया जा रहा था कि उन्होंने तत्कालीन केन्द्र सरकार के खिलाफ बीजेपी के आह्वान पर आंदोलन किया था.

25 हजार रुपए मिलता था पेंशन
कांग्रेस सरकार ने मीसाबंदियों को पेंशन देना रोक दिया है. मीसाबंदी इस मामले को हाईकोर्ट लेकर गए थे. बिलासपुर हाईकोर्ट ने मीसाबंदियों के पक्ष में फैसला सुनाया था और पेंशन देना फिर से शुरू करने का निर्देश दिया था. अब फैसले के विरोध में कांग्रेस सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. बताया जा रहा है कि इस मामले में अब अगले साल फरवरी में सुनवाई होगी जिसमें सभी पक्षों को सुप्रीम कोर्ट सुनने के बाद अपना फैसला सुनाएगा. मीसाबंदियों को तत्कालीन बीजेपी सरकार हर महीने 25 हजार पेंशन देती थी.

फरवरी में होगी अगली सुनवाई
मीसाबंदियो के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने वाले बीजेपी नेता सच्चिदानंद उपासने ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर प्रतिक्रिया दी. उन्होंन कहा कि विधि कि यह स्पष्ट मान्यता है कि जब भी किसी निचले अदालत के निर्णय के विरुद्ध पीड़ित पक्ष ऊपरी अदालत में उसे चुनौती देता है तो इस प्रकार का स्थगन आदेश जारी कर सभी पक्षकारों को अंतिम सुनवाई के लिए नोटिस जारी की जाती है. कोर्ट ने पेंशन निरस्त करने का कोई निर्णय दिया है. उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस ज्यादा खुश ना हों. फरवरी में सभी पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट का फैसला आएगा और हमारा पक्ष मजबूत है.

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