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State foundation day: छत्तीसगढ़ के साथ 1 नवंबर को ये राज्‍य भी मनाते है स्थापना दिवस, जानें सभी की खासियत

State foundation day: नई दिल्‍ली। 1 नवंबर यानी आज ही के दिन दिल्‍ली, मध्‍यप्रदेश और हरियाणा 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की स्थापना हुई। साल 1950 में मध्य प्रदेश और फिर साल 2000 में इससे अलग होकर छत्तीसगढ़ बना। वहीं 1966 में पूर्वी पंजाब से अलग होकर हरियाणा और चंडीगढ़ बना। आज जिन 11 राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों का आज स्थापना दिवस है, उनकी स्थापना किस साल में हुई और वहां की खासियत क्या है। यहां पढ़िए…

1. मध्य प्रदेश: देश का दिल

1 नवंबर, 1956… यही वह तारीख थी, जब मध्‍यप्रदेश राज्य अस्तित्व में आया था। मध्‍यप्रदेश को चार राज्‍यों- तत्कालीन मध्य प्रदेश, मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल को मिलाकर बनाया गया। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जब राज्य का नक्शा देखा तो बोले, ‘यह क्‍या ऊंट की तरह दिखने वाला राज्‍य बना दिया।’ देश का दिल कहे जाने वाले इस राज्य की राजधानी भोपाल है। यहां खजुराहो, सांची स्तूप जैसी विश्व धरोहर हैं। वहीं यह राज्य टाइगर रिजर्व के लिए प्रसिद्ध है और यहां सबसे अधिक बाघ पाए जाते हैं।

2. हरियाणा: हरी का आना

साल 1966 में 1 नवंबर को हरियाणा को पंजाब से अलग कर एक स्‍वतंत्र राज्‍य का दर्जा दिया गया था। हरियाणा का नाम ‘हरी का आना’ यानी भगवान का निवास पर पड़ा है। हरियाणा की पहचान उसकी कृषि आधारित अर्थव्यवस्था और खेल के क्षेत्र में सफलता के लिए भी है।
यहां के खिलाड़ी कुश्ती, कबड्डी और मुक्केबाजी में देश-विदेश में नाम कमा रहे हैं। पहलवान ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में देश का गौरव बढ़ाते हैं, जिसके कारण इसे ‘भारत का ओलंपिक गढ़’ भी कहा जाता है। हरियाणा की समृद्ध संस्कृति और विरासत फाग, रागिनी और लोक नृत्यों में देखने को मिलती है।

3. छत्तीसगढ़: धान का कटोरा

मध्य प्रदेश से अलग नवंबर 2000 को एक नए राज्य का गठन हुआ था। यह राज्‍य को उसकी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और खनिज संपदा के कारण ‘भारत का धान का कटोरा’ भी कहा जाता है। यहां चावल का उत्पादन बहुत बड़े पैमाने पर होता है।
कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट और चूना पत्थर जैसे खनिज बहुतायत में पाए जाते हैं। राज्य में कई बड़े उद्योग और इस्पात संयंत्र हैं, जो भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर है। यह राज्‍य अपनी समृद्ध आदिवासी संस्कृति, लोक संगीत और पारंपरिक कला के लिए भी जाना जाता है। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पकवानों में चीला, फरा, देहरौरी , दुबकी कढ़ी और अइरसा शामिल हैं, जो यहां की पारंपरिक शैली में बनाए जाते हैं।

4. पंजाब: भारत का अन्न भंडार

पंजाब का स्थापना दिवस भी आज ही के दिन मनाया जाता है। यहां से पांच नदियां – सतलुज, व्यास, रावी, चिनाब और झेलम बहती हैं, जिसे कारण इसका नाम पंजाब पड़ा। यह राज्य अपने कृषि उत्पादन, विशेषकर गेहूं और धान की पैदावार के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए पंजाब को ‘भारत का अन्न भंडार’ भी कहा जाता है।
पंजाब अपने उत्साह, मेहमाननवाजी और समृद्ध संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। यहां की संस्कृति और भाषा में जो मिठास व अपनापन है, वह इसे बाकी राज्यों से अलग बनाता है।

5. कर्नाटक: भारतीय सिलिकॉन वैली

कर्नाटक का गठन 1 नवंबर को हुआ था। दरअसल, राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों को एकीकृत किया गया था। पहले इसे मैसूर राज्य के नाम से जाना जाता था, लेकिन 1973 में इसे कर्नाटक नाम दिया गया।
यह राज्‍य आईटी इंडस्ट्री, ऐतिहासिक मंदिरों और कर्नाटक संगीत और मसालों के लिए प्रसिद्ध है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु आईटी और स्टार्टअप हब है, इसलिए इसे ‘भारतीय सिलिकॉन वैली’ कहा जाता है।
कर्नाटक में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान व नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान स्थित हैं, यहां एशियाई हाथी, बंगाल टाइगर और अन्य वन्यजीवों का संरक्षण किया जाता है।
यहां का मैसूर पाक, बिसी बेले भात, मंगलोरियन फिश करी और दवंगरे बेनने डोसे का स्वाद देश से लेकर विदेश तक लोगों को लुभाता है। कन्नड़ फिल्म उद्योग यानी ‘सैंडलवुड’ भी खास है, जिसकी भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण भूमिका है।

6. केरल: ईश्वर का देश

केरल में हर साल एक नवंबर को स्थापना दिवस को ‘केरल पिरवी’ के रूप में जाना जाता है। 1 नवंबर, 1956 में भाषाई आधार पर भारतीय राज्यों का पुनर्गठन होने के बाद केरल का गठन हुआ। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम है।
राज्य प्राकृतिक सुंदरता, हरे-भरे परिदृश्य और समुद्र तटीय सुंदरता के चलते यह ‘ईश्वर का देश’ (God’s Own Country) के नाम से भी लोकप्रिय है। यह राज्‍य शिक्षा के मामले में अग्रणी माना जाता है। केरल की साक्षरता दर भारत में सबसे अधिक है।

7. आंध्र प्रदेश: तेलुगू भाषा का घर

आंध्र प्रदेश का स्थापना दिवस भी हर साल 1 नवंबर को मनाया जाता है। राज्‍य को ‘तेलुगु भाषा का घर’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह राज्य तेलुगु संस्कृति और साहित्य का केंद्र है। आंध्र प्रदेश अपनी प्राचीन मंदिर वास्तुकला और मछली पकड़ने के उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम बंदरगाह भारत का सबसे पुराना और प्रमुख बंदरगाह है।

8. तमिलनाडु: आधुनिकता और परंपराओं का अनूठा मिश्रण

आज ही के दिन तमिलनाडु का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है। पहले इस राज्य को मद्रास के नाम से जाना जाता था। 1968 में इसे तमिलनाडु नाम दिया यानी ‘तमिलों की भूमि’। तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जो आधुनिकता और परंपराओं का अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है।
तमिलनाडु अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, भरतनाट्यम और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। महाबलीपुरम के मंदिरों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया है। तमिल भाषा को दुनिया की सबसे पुरानी जीवित भाषाओं में से एक माना जाता है।

9. अंडमान और निकोबार: काले पानी की सजा

केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की स्थापना 1 नवंबर 1956 हुई थी। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह हिंद महासागर में स्थित द्वीपों का एक समूह है, जो भारत के पूर्वी तट के पास है। यह राज्‍य अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
यहां कई प्राचीन जनजातियां- जारवा, ओंगे, शोम्पेन और निकोबारी रहती हैं, जो कि बाहरी दुनिया से काफी हद तक कटी हुई हैं। अंडमान में स्थित कालापानी की प्रसिद्ध जेल ‘सेलुलर जेल’ यही हैं। यहां ब्रिटिश काल में स्वतंत्रता सेनानियों को कठोर कारावास की सजा दी जाती थी।

10. लक्षद्वीप: भारत का मरमेड

लक्षद्वीप 1 नवंबर 1956 को भारत में शामिल हुआ और इसे संघ शासित प्रदेश के रूप में मान्यता मिली थी। लक्षद्वीप यानी ‘लाखों द्वीपों का समूह’ भारतीय महासागर में स्थित एक सुंदर और छोटा द्वीप समूह है, जिसमें 36 छोटे-छोटे द्वीप शामिल हैं।
इसे भारत का मरमेड भी कहा जाता है। लक्षद्वीप अपने सफेद रेतीले समुद्र तटों, नीले और हरे समुद्री जल और सुंदर नारियल के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है।

11. दिल्‍ली: मिनी इंडिया

दिल्‍ली का स्‍थापना दिवस भी हर साल 1 नवंबर को मनाया जाता है। यहां से देश की सरकार चलती है। दिल्‍ली को ‘दिलवालों की दिल्ली’ और ‘मिनी इंडिया’ भी कहा जाता है। यह ऐसा राज्‍य है, जहां पूरे भारत की विविधता देखने को मिलती है।
दिल्ली का इतिहास लगभग 5000 साल पुराना माना जाता है। प्राचीन काल में दिल्‍ली को ‘इंद्रप्रस्थ’ के नाम से जाना जाता था। यहां मुगल साम्राज्य, खिलजी, तुगलक और कई अन्य शासकों ने अपनी राजधानी स्थापित की थी। यहां स्थित लाल किला, कुतुब मीनार और हुमायूं का मकबरा यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल हैं।

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