Trending Nowशहर एवं राज्य

तिरछी नजर : आरजी की ऐसे हुई रेकी

छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं बाजार में है। पिछले कुछ दिनों की शांति के बाद ईडी ने आईएएस समेत कई लोगों के ठिकाने पर दबिश देकर माहौल गरमा दिया है। इस कार्रवाई के पहले चर्चा थी कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में आरजी के नाम से मशहूर नेता ईडी के रडार में हैं। कहा जा रहा था उन पर ईडी कभी भी शिकंजा कस सकती है। चर्चाओं के कारण आरजी खुद भी मानसिकता बना चुके थे, उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया ही जा चुका है, लेकिन ईडी ने अभी तक उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है। स्वाभाविक है कि ईडी का डर उनको सता रहा होगा, लेकिन खबर है कि उन्हें ईडी की पूछताछ या रेड का डर इसलिए ज्यादा है कि एजेंसी ने उन पर कार्रवाई करने के लिए गजब की रणनीति बनाई है। ईडी ने बकायदा अपने एक आदमी को आरजी का कर्मचारी बनाकर पूरी रेकी करवा ली है। वह दो-तीन महीने तक आरजी के साथ रहकर घर-दफ्तर सहित तमाम कनेक्शन के बारे में जानकारी जुटा चुका है। इस पूरे ऑपरेशन को इतना गोपनीय रखा गया था कि किसी को कानों-कान भनक तक नहीं लगी। खुद आरजी इसका अंदाजा नहीं लगा पाए। अब जब कर्मचारी ने काम निपटा कर अपना बोरिया-बिस्तर बांध लिया तब इसकी चर्चा शुरू हो रही है और आरजी सकते हैं।

अमित शाह का गुस्सा
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह रायपुर आए, तो प्रमुख नेता उनके स्वागत-सत्कार के लिए पहुंचे थे । शाह का वापसी में कुछ नेताओं से वीआईपी लाउंज पर बातचीत करने का मन था लेकिन नरेश गुप्ता की उटपटांग हरकत से बिफर पड़े। बताते हैं कि नरेश गुप्ता ने सरकार के भ्रष्टाचार और कुछ अफसरों के खिलाफ शिकायती पत्र ज्ञापन की शक्ल में तैयार किया था और वो अमित शाह को देते फोटो खिंचवा रहे थे कि शाह भड़क गए। उन्होंने मोबाइल पर फोटो खींचने की कोशिश कर रहे प्रीतेश गांधी की तरफ घूर कर देखा और फिर गुप्ता को लगाते हुए कहा कि ये सब नहीं चलेगा। उन्होंने ज्ञापन को देखा ही नहीं और आगे बढ़ गए। उनका मूड बिना किसी से चर्चा किए निकल गए। पार्टी नेता अब नरेश गुप्ता को कोस रहे हैं।


—-
रानू साहू के सरकारी गवाह बनने का हल्ला
चर्चा है कि ईडी की जांच के दायरे में आई रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू सरकारी गवाह बन सकती है, क्योंकि पूछताछ के बाद भी ईडी ने अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि उनके खिलाफ गंभीर शिकायतें हैं । इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा ।

घेरे में भाजपा नेता
ईडी सरकार के करीबी अफसरों पर शिकंजा कस रही है। दूसरी तरफ, राज्य की पुलिस एक बड़े भाजपा नेता के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने जा रही है। दुर्ग संभाग के इस बड़े भाजपा नेता के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हो सकता है। आगे क्या होता है, यह जल्द पता चलेगा।
—–
प्रेमकुमार का जाने से इंकार…
प्रधानमंत्री सड़क के सीईओ बनने आई.ए.एस और आई.एफ.एस अधिकारियों में होड़ लगी रहती है। कुछ अधिकारी लंबे समय से प्रयासरत भी हैं पर सफलता नहीं मिल रही है। हाल में हुए फेरबदल में लंबे समय से पदस्थ आलोक कटियार की जगह आई.एफ.एस अधिकारी प्रेम कुमार को नियुक्त किया है। प्रेम कुमार वन विभाग से बाहर ज्यादा दिन टिक नहीं पाते हैं। इस बार महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी तो पदभार ग्रहण को लेकर कई तरह की चर्चा है। खबर है प्रेम कुमार ने पारिवारिक कारण बताते हुए प्रधानमंत्री सड़क निगम में नहीं जाने की सूचना सरकार के जिम्मेदार लोगों को दे दी है। देखना यह है कि प्रेम कुमार का प्रस्ताव प्रेम पूर्वक स्वीकार किया जाता है या किसी नये अधिकारी की तलाश की जा रही है या वर्तमान में पदस्थ अफसर ही आगे भी काम देखते रहेंगे।
——-
जल जीवन में नपेंगे बड़े अफसर
जल जीवन मिशन बिलासपुर संभाग में 201 निविदा के लिए अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ काकश बनाकर खेल किया इसकी जबरदस्त कहानी है। इसमें एक बड़े अधिकारी तत्काल निलंबित हुए एक और बड़े अधिकारी के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल गये हैं। अगले सप्ताह फिर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। जल जीवन मिशन अन्तर्गत आमंत्रित निविदाओं में से 95 निविदायें एकल निविदा या निविदा नहीं प्राप्त होने के कारण लंबित रखी गई। इन निविदाओं को 15 दिनों तक ना तो निरस्त किया गया ना ही दोबारा टेंडर किया गया। सबसे बड़ी बात निविदा लागाने के 15 दिनों बाद इन 95 निविदाओं में से 15 निविदाओं को संशोधित करते हुये केवल 5-6 घंटे का समय देकर कार्यपालन अभियंता, बिलासपुर द्वारा अपनी मनमर्जी से ऑनलाईन खोला गया एवं उनमें ठेकेदारों द्वारा क्रय से अधिक दरें डाली गई। इन समस्त 15 निविदाओं में 2-2 सिमिलर निविदाकारों ने भाग लिया एवं उन्हें एसओआर से लगभग 10 प्रतिशत अधिक पर पात्र घोषित किया गया। जिम्मेदार अधिकारियों ने नियम को विधानसभा उठने के बाद 95 निविदाओं में 80 निविदाओं को संदेहास्पद परिस्थितियों में लंबित रखे जाने के बाद अचानक माह नवम्बर में निरस्त कर दिया गया। शेष 15 निविदाओं को फिर हंगामा मचने पर निरस्त कर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि 95 निविदाओं में उन 15 निविदाओं जिनको मात्र 5-6 घंटे के लिये खोला गया था उन्हें निरस्त नहीं किया गया।

cookies_advt2024_08
advt_001_Aug2024
july_2024_advt0001
Share This: