Trending Nowशहर एवं राज्य

गुरुगोविन्द सिंह जंयती पर शोभा यात्रा 17 दिसंबर को

रायपुर ।  सिक्खों के 10वें गुरु साहिब श्री गुरुगोविन्द सिंह के जन्म दिवस गुरुपर्व के पहले प्रबंधक कमेटी गुरुनानक नगर रायपुर व्दारा शनिवार 17 दिसंबर दोपहर 2.30 बजे से एक शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा गुरुद्वारा गुरुनानक नगर रायपुर से दोपहर 2.30 बजे प्रारंभ हो कर तेलीबांधा चौक, जीई रोड से कैनाल रोड होते हुए रात 8.30 बजे तक गुरुद्वारा गुरुगोविन्द नगर, पंडरी गुरुद्वारा में समाप्त होगी।

गुरुद्वारा गुरुनानक नगर, रायपुर की प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार प्रितपाल सिंह चंडोक, सरदार जे.एस. भाटिया, सरदार जी.एस. बॉम्बरा, सरदार जीत सिंह खनूजा, गुरुद्वारा स्टेशन रोड, गुरुद्वारा टाटीबंध, गुरुद्वारा महावीर नगर, गुरुद्वारा गोविन्द नगर पंडरी, गुरुद्वारा हीरापुर, गुरुद्वारा देवपुरी के प्रतिनिधि दशमेश सेवा सोसायटी, छत्तीसगढ़ सिक्ख कौंसिल, बाबा दीप सिंह सेवा दल, छत्तीसगढ़ सिक्ख संगत तथा छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन, रायपुर के पदाधिकारियों ने सभी समाज के लोगों से इस शोभा यात्रा में शामिल होने की अपील की है।

शोभा यात्रा में सबसे आगे के वाहन में विशाल नगाड़ा होगा उसके पीछे 5 सिंह घुड़सवार होगें। इसी क्रम में पंजाब का पाईप बैंड, दिल्ली की गतका टीम व्दारा शौर्य प्रदर्शन होगा जो प्रमुख स्थानों में अपना प्रदर्शन करेगी। इसके बाद पानी के ट्रैंकर और सफाई सेवादारों व्दारा गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के रास्तों की सफाई करेगी। इसमें नगर पालिक निगम रायपुर की सहायता ली जाएगी। इसी क्रम में 5 निशान साहिब व पंज प्यारे होगें। इसके बाद गुरुग्रंथ साहिब के पालकी की सवारी होगी। लोग पालकी साहिब को नमन कर अथवा माथा टेक कर प्रसाद ले सकेगें। इसके बाद विभिन्न गुरुव्दारों के कीर्तन के जत्थे शामिल होगें।

शोभा यात्रा के पूरे रास्ते में लाऊडस्पीकर से निरन्तर कीर्तन और शोभा यात्रा का ग्रैंड चैनल टेलिविजन व्दारा सीधा प्रसारण की व्यवस्था की गई है। शोभा मार्ग में विभिन्न श्रध्दालुओं व्दारा जगह जगह पर नाश्ता, चाय भंडारे की व्यवस्था की जाएगी। शोभा यात्रा में ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ सिक्ख सेवादार और वालिंटियर रहेगें। शोभा यात्रा की समाप्ति पर गुरुद्वारा गोविन्द नगर पंडरी में होगी जहां गुरु का लंगर प्रसाद के रुप में सभी संगत को परोसा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि सिक्खों को दसवें गुरु साहिब गुरु गोविन्द सिंह के पिता गुरु तेगबहादुर ने कश्मीरी हिन्दुओं की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी थी। पिता की शहादत के बाद गुरु गोविन्द  सिंह ने सिक्ख धर्म के दसवें गुरु बनें। सन् 1699 में गुरु गोविन्द सिंह ने मुगल अत्याचारी राजाओं के लड़ने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की। वे एक दार्शनिक, कवि और महान योध्दा भी थे। उनके चारों बेटों ने इस्लाम कुबूल नहीं करने के कारण अपनी कुर्बानी दी। उनके दो युवा पुत्र युद्ध में शहीद हो गए और दो पुत्रों को अत्याचारी मुगल राजा ने ईंट की दीवारों में चुनवा दिया था।

 

IMG-20250108-WA0013
IMG-20250313-WA0031
IMG-20250108-WA0014
IMG-20250313-WA0030
holi-advt01
advt02-march2025
advt-march2025
Share This: