
छुरा। प्रोजेरिया नामक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित गरियाबंद जिला के एकमात्र मरीज का सोमवार देर रात निधन हो गया है। इस बीमारी की विभित्सीका का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि अब तक भारत में इसका इलाज़ सम्भव नहीं हो पाया हैं यही कारण है की मिले जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में इसके छः मरीजों में से गरियाबंद जिला छुरा विकासखंड के मेड़़ंकीड़बरी के एकमात्र मरीज लग-भग 18 वर्षीय शौलेन्द्र का आकस्मिक निधन हो गया है।
इस बिमारी के चलते भले ही शौलेन्द्र किशोर अवस्था में शारीरिक रुप बुड़ा से नजर आता था किन्तु वह मानसिक रूप से बेहद उत्साहित बालक था जिसका सपना था कि वह आगे पढ़ लिख कर कलेक्टर बने मिडिया के माध्यम से जब यह सूचना मुख्यमंत्री निवास पहुंचा तो मुख्यमंत्री ने बालक को गरियाबंद जिले के सबसे कम उम्र का उद्घोषित कलेक्टर होने का गौरव प्रदान किया जिसमें एक दिवसीय कार्यकाल में शौलेन्द्र ने विभिन्न प्रशासनिक कार्यों का नेतृत्व कर रायपुर पहुंच मुख्यमंत्री निवास में सीएम के साथ समाचार वार्ता में शामिल हुए थे।
वही बीते दिनों शौलेन्द्र ने बारहवीं की परीक्षा लगातार दो महीने से गंभीर बीमार होने के बावजूद पास कर महाविद्यालय स्तर कि पढ़ाई करने के लिए बेहद ही उत्साहित था लेकिन रात तकरीबन 8 बजे शौलेन्द्र के सीने में तेज दर्द उठा जिससे परिवार वाले उन्हें पास के चिकित्सक तक ले गये जिनकी सलाह पर उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुरा ले जाने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीज शौलेन्द्र ने इस घाटक बीमारी से लड़ते हुए अपनी अंतिम सांस लिया। वही मामले की गंभीरता देखते हुए छुरा थाना पुलिस मौके पर उपस्थित हैं।