सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष के समाप्ति का दिन होता है। कहा जाता है कि 16 दिन हमारे पूर्वज धरती लोक पर रहते हैं और पितृ अमावस्या के दिन वे वापस पितृ लोक लौट जाते हैं. यदि इन 16 दिनों में पितरों का अच्छे से स्वागत सत्कार किया जाए, तो वे प्रसन्न होकर और बच्चों को आशीर्वाद देकर पितृ लोक वापस जाते हैं।
कहते हैं कि अगर पितरों का ध्यान न रखा जाए या उनके काम में कोई बड़ी त्रुटि हो जाए तो वे रुष्ट होकर पितृ लोक लौटते हैं. ऐसे में उनके वंशजों को पितरोंं के प्रकोप का भागी बनना पड़ता है और उनके जीवन में तमाम मुश्किलें आती हैं. यहां जानिए कि किन संकेतों से समझें कि हमारे पूर्वज हमसे नाराज होकर पितृ लोक लौटे हैं या प्रसन्न होकर।
पूर्वजों की प्रसन्नता के संकेत
यदि आपके पूर्वज आपसे संतुष्ट होकर लौटे हैं, तो अचानक से आपके धन संबन्धी काम बनने लगेंगे. पितर पक्ष के छह माह के अंदर अगर आपको धन का कोई बड़ा लाभ होता है, तो समझिए कि ये आपके पितरों का आशीर्वाद है.
जिन कामों में अड़चनें आ रही थीं, अमावस्या के बाद अचानक से वो काम बनने लगें, तो समझिए कि आपके पितर प्रसन्न होकर गए हैंं। कहते हैं कि अगर आपका कोई काम जो काफी प्रयासों के बाद भी पूरा न हो रहा हो और पितरों को याद करते ही वो पूरा हो जाए, तो समझिए आपसे पूर्वज बहुत प्रसन्न हैं और उनका आशीर्वाद आपके साथ है –
सपने में अगर पितर आपको बहुत प्रसन्न दिखाई दें, या आपको सपने में सर्प दिखें और आप उन्हें देखकर डरें नहीं, बल्कि प्रसन्न हो जाएं, तो समझिए आप पर पितरों की कृपा है.