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RAIPUR : खुश रहेंगे तो जीते जी स्वर्ग मिलेगा – राष्ट्रसंत ललितप्रभ

RAIPUR: If you are happy you will get heaven while living – Rashtrasant Lalitprabh

रायपुर। कौन कहता है स्वर्ग पाने के लिए मरना जरूरी है। खुश रहना सीख जाइए तो जीते जी स्वर्ग मिल जाएगा। हमें खुद यह संकल्प लेना होगा कि स्वर्ग पाने के लिए मैं मरूंगा नहीं। मैं कमजोर नहीं हूं। मैं मर मरकर स्वर्ग नहीं जाऊंगा। विवेकानंद नगर स्थित श्री ज्ञान वल्लभ उपाश्रय में तीन दिवसीय प्रवचन माला के अंतिम दिन राष्ट्रसंत ललितप्रभ सागर ने उपरोक्त विचार रखे।

उन्होंने कहा कि लोगों को सोचना चाहिए, क्या हर बार मैं मरकर स्वर्ग जाऊंगा? नहीं भाई, मैं इस जीवन को ही स्वर्ग बनाऊंगा। आज अभी की जिंदगी को स्वर्ग बनाऊंगा। हर हाल में तय करिए कि मैं संतुष्ट रहूंगा। हम पैदा हुए उससे पहले संतोषी पैदा हुई है। बड़े बुजुर्गों ने उसे जीवन में संजोकर रखा। हमें भी संतोषी बनकर रहना होगा। उन्होंने कहा कि पहले लोग होली-दीपावली जैसे सभी त्योहारों का साथ मनाते थे। आज तो शादियां भी रेडीमेड हो गई हैं। पैसे दो और सबकुछ तैयार। पहले शादियों में परिवारवाले, पड़ोसनें जुटती थीं। सब साथ मिलकर तैयारियां करते थे। साथ मिलकर मंगल गीत गाए जाते थे। उसमें जो सुकून था, वो आज कहां? पैसे से आप व्यवस्थाएं दुरूस्त कर सकते हैं, लेकिन पैसे से सुख तो नहीं पा सकते। असल में हर इंसान के पास 2 चीजें होती हैं। कुछ खूबियां और कुछ खासियत। हमें खामियों को जीतना है और खासियत को जीना है। तब जाकर जीवन अच्छा बनता है। चित्र नहीँ व्यक्ति का चरित्र भी सुंदर होना चाहिए। साधन नहीं, साधना भी अच्छी होनी चाहिए। नजर नहीं, नजारा भी अच्छा होना चाहिए। इन छोटे-छोटे मंत्रों को अपनाकर देखिए, फिर देखिए कि जीवन कैसे बदलता है।

फोन जब तार से बंधा था, लोग आजाद थे
आज फोन आजाद है और लोग बंध गए

पहले फोन जब तार से बंधा था, लोग आजाद रहते थे। वायरलेस के जमाने में फोन तो आजाद हो गया है, लेकिन लोग बंध गए हैं। हमें यह समझना होगा कि पहले साधन कम थे, लेकिन सुकून ज्याद था। आज सुविधाएं तो बढ़ गईं, लेकिन सुकून चला गया।

दुनिया में ऐसा कोई नहीं जिसके पास
परेशानी नहीं, निपटना आना चाहिए

संतश्री ने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई आदमी नहीं है जिसके पास परेशानियां न हों। यह नजरिया का कमाल है कि कोई बड़ी से बड़ी परेशानी को भी हंसकर टाल जाता है और कोई छोटी-छोटी बातों को लेकर भी भारी तनाव में रहता है। असल में हर व्यक्ति को परिस्थितियों सं निपटना आना चाहिए। हमें यह तय करना है कि हम समस्याओं को कितनी गंभीरता से लेते हैं। मानसिक रूप से हम कितना दुखी होते हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि पैसा डूब गया तो डूब गया। कुछ बस यही सोचते रह जाते हैं कि डूबा हुआ पैसा कैसे वापस लाएं। पैसा तो वापस आएगा नहीं, उल्टे टाइम भी खराब होगा। जीवन में यदि कुछ बचाकर रखना है तो हर हाल में उमंग, उत्साह और उल्लास को बनाए रखिए।

 

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