POLITICS : सामाजिक महाकुंभ बना राजनीतिक अखाड़ा, गहलोत के नेताओं के सामने लगे सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे
POLITICS: Social Mahakumbh became a political arena, slogans of Sachin Pilot Zindabad raised in front of Gehlot’s leaders
अजमेर। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों को पुष्कर सरोवर में विसर्जित करने से पहले सोमवार को मेला मैदान में आयोजित सामाजिक महाकुंभ राजनीतिक अखाड़ा बन गया. जनसभा में आई भीड़ ने अशोक गहलोत सरकार के मंत्रियों के संबोधन के दौरान भारी विरोध किया और जूते चप्पल तक उछाले. पूरे कार्यक्रम के दौरान सभा में आए युवा सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाते रहे. इससे कांग्रेस के कई नेता खुद का असहज महसूस करने लगे. इस हंगामे के बाद राजनीति ट्वीटर वार भी शुरू हो गया. भारी अव्यवस्थाओं के बीच हुए इस आयोजन में कई बार पुलिस और लोगों के बीच तीखी झड़प भी हुई.
गुर्जर नेता कर्नल बैंसला को अंतिम विदाई देने के लिए उनके बेटे विजय बैंसला ने प्रदेश में अस्थि कलश यात्रा निकाली थी. सोमवार को कर्नल बैंसला की जयंती के मौके पर उनकी अस्थियों को पुष्कर सरोवर में विसर्जित किया गया. इससे पहले एमबीसी वर्ग में आने वाली सभी जातियों का एक महाकुंभ पुष्कर मेला मैदान में आयोजित किया गया. पूरे आयोजन को सामाजिक आयोजन बताने वाले आयोजकों के होश उस वक्त फाख्ता हो गए जब मंच पर भाषण देने आये गहलोत सरकार के मंत्रियों का विरोध हुआ.
कार्यक्रम को राजनीतिक बनाने का आरोप –
सभा में देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत जब संबोधन के लिए मंच पर पहुंची तो वहां मौजूद भीड़ ने उनका भारी विरोध किया. उसके बाद जब खेल मंत्री अशोक चांदना बोलने के लिए मंच पहुंचे तो गुस्साए लोगों ने जूते चप्पल तक फेंके. दोनों ही मंत्रियों ने मंच से इसका विरोध भी किया और कार्यक्रम को राजनैतिक अखाड़ा बनाने का आरोप लगाया. हालांकि शकुंतला रावत ने कर्नल बैंसला को श्रद्धांजलि देते हुए उनके नाम से गर्ल्स कॉलेज खोलने की घोषणा की. गुर्जर आरक्षण में शहीद हुए 72 लोगों के परिजनों का जनसभा में मंच पर सम्मान भी किया गया.
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कसा तंज –
कार्यक्रम में शामिल होने आए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कर्नल बैंसला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा की समाज की प्रगति के लिए उनके योगदान को कभी नही भुलाया जा सकता. उन्होंने कहा की कर्नल बैंसला सामाजिक क्रांति के अग्रदूत की तरह रहे जिसने समाज में शिक्षा के प्रचार और कुरीतियों के विरोध में काफी काम किया. वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार के मंत्रियों के विरोध पर चुटकी लेते हुए कहा की समाज की भावनाओं से सब वाकिफ हैं. सत्ता और विपक्ष इसको देख तथा समझ रहा है. आयोजन में आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ भी मौजूद रहे.
एमबीसी वर्ग अपना राजनैतिक हक लेकर रहेगा –
उसके बाद कर्नल बैंसला की अस्थियों के 52 कलश पुष्कर के सभी 52 घाटों पर विसर्जित किये गये. आरक्षण संघर्ष समिति अध्यक्ष विजय बैंसला ने कहा कि एमबीसी वर्ग की सभी जातियां सामाजिक और राजनैतिक रूप से एकजुट हैं. एमबीसी वर्ग की प्रदेश में संख्या 37 फीसदी है. ऐसे में अब उसे राजनैतिक भागीदारी मिलनी चाहिये. राजनैतिक दलों ने अब तक स्वार्थ के रूप में इसका इस्तेमाल किया है. अब ऐसा नही होगा. एमबीसी वर्ग अपना राजनैतिक हक लेकर रहेगा. जनसभा से सोशल पॉलिटिकल की होगी नई शुरुआत होगी.