अमित शाह के आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर राजनीतिक सियासत, बीजेपी मुख्यालय के सामने AAP पार्टी ने किया प्रदर्शन
नई दिल्ली। राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीआर आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर राजनीतिक सियासत शुरू हो चुकी है। दिल्ली में भाजपा मुख्यालय के सामने आम आदमी पार्टी ने प्रदर्शन किया। इस दौरान अरविंद केजरीवाल के साथ संजय सिंह, सीएम आतिशी और मनीष सिसोदिया भी नजर आए। वहीं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा सहयोगी टीडीपी और जेडीयू के रुख पर सवाल उठाए हैं।
केजरीवाल ने पूछा कि शाह के बयान पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के विचार क्या है। केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि देश की जनता माननीय नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से पूछना चाहती है कि क्या आप अमित शाह द्वारा किए गए बाबा साहब के अपमान का समर्थन करते हैं।
PM मोदी ने किया अमित शाह का बचाव
यह तब हुआ जब अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि आंबेडकर का नाम लेना पार्टी के लिए फैशन बन गया है। शाह ने कहा कि अगर उन्होंने आंबेडकर की जगह इतनी बार भगवान का नाम लिया होता तो उन्हें सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। अमित शाह के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचाव किया और कहा कि शाह ने आंबेडकर का अपमान करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया है। एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए पीएम ने लिखा कि कांग्रेस वर्षों तक सत्ता में रही। लेकिन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ नहीं किया।
संसद में अमित शाह जी ने आंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। वे स्पष्ट रूप से उनके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों से स्तब्ध और स्तब्ध हैं। यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी में लिप्त हैं। दुख की बात है कि उनके लिए, लोग सच्चाई जानते हैं। कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में हुए हैं।