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कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों पर अब मंडरा रहा टीबी का खतरा, प्रदेश में कई मामले आए सामने

रायपुर: कोरोना महामारी का संक्रमण कम जरूर हुआ है लेकिन उसके घातक परिणाम अब सामने आने लगे हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों पर अब टीबी का खतरा मंडरा रहा है। छत्तीसगढ़ में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें कोरोना से ठीक हुए मरीज को बाद में टीबी की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों का कहना है, कोरोना से संक्रमित मरीज ठीक होने के बाद दूसरी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। कई रोगियों में कोरोना से ठीक होने के बाद टीबी के लक्षण दिखाई दिए हैं। कुछ लोगों को खून की उल्टी के साथ पीलिया आदि की शिकायत भी देखने को मिल रही है।

डॉक्टरों का कहना है, कोरोना से ठीक हुए लोगों को अगर लगातार खांसी बनी हुई है तो वे टीबी की जांच जरूर करा लें। राज्य क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी-टी.बी. नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. टीके टोंडर ने बताया, कोरोना वायरस और क्षय रोग (टीबी) के संक्रमण का तरीका और लक्षण लगभग मिलते-जुलते हैं। ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी बहुत जरूरी है। यह बीमारी हवा में अत्यधिक फैलती है। कोविड से रिकवर होने के बाद भी अगर लगातार खांसी की समस्या बनी हुई है, तो टीबी की जांच अवश्य करानी चाहिए।

डॉ. टोंडर ने बताया, कोविड-19 के बाद टीबी भी हो सकती है क्योंकि संक्रमण फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है जिसके कारण टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का कहना है, कोरोना से ठीक होने के बाद भी रोगी को बलगम की जांच अवश्य करानी चाहिए। टीबी और कोविड दोनों संक्रामक रोग हैं जो मुख्य रूप से फेफड़ों को हानि पहुंचाते हैं। दोनों बीमारियों में खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण एक जैसे होते हैं। हालांकि, टीबी में बीमारी की अवधि लंबी होती है और रोग की शुरुआत धीमी होती है। बाद में चलकर यह रोग जटिल हो जाता है।

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