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तिरछी नजर 👀 : ईडी की एक और बड़ी कार्रवाई..…✒️✒️

ईडी की कार्रवाई से आबकारी विभाग में दहशत का माहौल बना है। जिस तरह दिल्ली में शराब मामले पर कार्रवाई हुई , कुछ उसी अंदाज में प्रदेश में ईडी अगले सप्ताह बड़ी कार्रवाई कर सकती है। ईडी के अफसर किसी भी हद तक जा सकते हैं। चर्चा है कि इस बार किसी कारोबारी की पत्नी को निशाना बनाया जा सकता है।
कहा जा रहा है कि भिलाई- दुर्ग में भी ईडी का आपरेशन चल सकता है। बताते हैं कि ईडी की कार्रवाई के पहले एक दिग्गज नेता तो विदेश निकल गए हैं।
आबकारी अफसर भी लंबी छुट्टियों पर चले गए हैं। चुनाव के दृष्टिगत ईडी कार्रवाई से प्रदेश की राजनीतिक फिजां के गरम रहने के आसार हैं।
वैसे ईडी की अब तक की कार्रवाई पर सवाल उठे हैं।सुप्रीम कोर्ट में ईडी को फटकार भी लगी है,लेकिन इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।

दो और आदिवासी नेता भाजपा छोड़ेंगे?

भाजपा में उपेक्षित आदिवासी दो और नेता पार्टी छोडऩे पर मन बना रहे हैं। मोहरे की तरह उपयोग हो रहे इन आदिवासी नेताओं को भाजपा की रीति नीति की अच्छी समझ है। भूपेश के छत्तीसगढिय़ावाद की जोर के चलते कुछ छत्तीसगढिय़ा नेताओं को तवज्जों मिल रही है लेकिन अस्थाई मान रहे है। नाराज आदिवासी नेताओं को कांग्रेस में अपना भविष्य नजर आने लगा है। बस्तर सरगुजा इलाके के इन आदिवासी नेताओं की कांग्रेसी दिग्गजों से लंबी चर्चा भी हो चुकी है रिजल्ट आना शेष है।

चंदामामाओं की चाँदी

विधानसभा चुनाव से पहले एक राष्ट्रीय दल ने छोटी-छोटी पार्टियों को लामबंद करना शुरू कर दिया है। रसद-पानी की सप्लाई फ़िलहाल धीमी है। भरोसा दिलाया गया है कि कुछ दिन बाद “पैकेज” मोटा हो जाएगा। सबको एक ही टारगेट दिया गया है- कांग्रेस के वोट काटो। वोट कटे या ना कटे परंतु धर्म, जाति, क्षेत्र, समाज के नाम पर राजनीति करने वाले छह महीने तक जमकर चाँदी काटेंगे।

चलेगा छत्तीसगढ़ियावाद

भाजपा में मान लिया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के छ्त्तीसगढ़ियावाद के मुक़ाबले उनके पास दमदार और भरोसेमंद चेहरा नहीं है। यही कारण है कि चुनाव लड़ने लायक़ छत्तीसगढ़िया चेहरों की पार्टी में भर्ती शुरू कर दी गई है। पहली खेप में दो पद्मश्री कलाकार आ गये हैं। देर-सबेर एक और आईएएस आ जाएंगे। असल में पार्टी को लगता है कि पंद्रह साल सत्ता भोगने वाले नेताओं की विलासितापूर्ण और वैभवशाली जीवनशैली ने उन्हें न सिर्फ़ कार्यकर्ताओं बल्कि जनता से भी दूर कर दिया है। ऐसे में नये और छत्तीसगढ़िया चेहरे ही उनका बेड़ा पार लगा सकते हैं।

शादी के बीच चुनावी चर्चा

केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की बेटी की शादी में प्रदेश भाजपा के तमाम प्रमुख नेता शिरकत करेंगे। यह शादी 6 जून को दिल्ली में हो रही है। कहा जा रहा है कि सभी प्रमुख नेता एक साथ बैठकर चुनावी तैयारियों पर मंत्रणा करेंगे। इन सबके बीच कोर ग्रुप और अन्य समितियों की घोषणा जल्द से जल्द करने के लिए दबाव बन सकता है।

वीआरएस लेने की तैयारी…

कला से जुड़े एक विभाग के उप संचालक स्तर के अफसर भी वीआरएस के लिए आवेदन देने की तैयारी कर रहे हैं। वो कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। मगर कांग्रेस में टिकट की मारामारी हमेशा से रही हैं।वो चाहते हैं कि कम से कम इतना आश्वासन मिल जाए कि दोबारा सरकार बनने पर निगम-मंडल में जगह दी जाएगी, लेकिन इतना भी आश्वासन नही मिल पा रहा है। उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी है और विभागीय मंत्री के मार्फत कोशिश में लगे हैं।

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