Trending Nowशहर एवं राज्य

पाम ऑयल तीन साल बाद 100 रुपए लीटर से नीचे आया, सोया और सरसों तेल की भी कीमतें गिरीं; जानें वजह

गोरखपुर: पाम ऑयल के आयात को लेकर केन्द्र सरकार की नीतियों का असर बाजार में दिखने लगा है। तीन साल बाद पॉम ऑयल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर से कम हुई हैं। पाम का ही प्रभाव है कि सोया तेल और सरसों तेल की कीमतें भी लगातार गिर रही हैं। हालांकि कोल्हू मशीनों पर सरसों तेल की कीमतें अब भी दो सौ के पार ही है। कोरोना से पहले 2019 में पाम ऑयल 78 रुपये प्रति लीटर के आसपास था। वहीं सोया ऑयल की कीमतें भी 100 रुपये प्रति लीटर से कम थी। लेकिन सरकार द्वारा आयात को लेकर लगाए गए कुछ प्रतिबंधों के बाद कीमतें लगातार बढ़ने लगीं।

पाम ऑयल की कीमत 160 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई थी। आयात को लेकर राहत की घोषणा के बाद पाम ऑयल की कीमतों में लगातार कमी देखी जा रही है। सोमवार को महेवा और साहबगंज मंडी में पॉम ऑयल 92 रुपये प्रति लीटर की दर से बिका। खाद्य तेलों की बिक्री में 50 फीसदी हिस्सा पॉम आयल का होता है। चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानिया ने बताया कि ‘तीन साल बाद कीमतें 100 रुपये के नीचे आ गई हैं। सरकार की नीतियों में बदलाव नहीं हुआ तो इनकी कीमतें अभी और गिरेगीं।’

सरसों तेल के साथ ही आटा और अरहर के दाल की कीमतें भी पिछले डेढ़ महीने से स्थिर हैं। लोकल आटा जहां 2800 से 2900 रुपये कुंतल बिक रहा है। वहीं अरहर दाल 95 से 105 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रहा है। 14 महीने पर 1100 रुपये गिरी एक टिन पॉम की कीमत अगस्त 2021 में पाम की कीमतें बढ़नी शुरू हुई थी। मार्च महीने में पाम की कीमत 2800 प्रति टिन पहुंच गई थी,जिससे ब्रेड और बिस्किट की कीमतें बढ़ गई थी। मंडी में पाम 1610 प्रति टिन पहुंच गई हैं। 2850 रुपये तक बिकने वाला सोया तेल 1890 रुपये प्रति टिन की दर से बिक रहा है।

2025__03
2025__01
2025__02
advt_dec2024
Share This: