सऊदी अरब को परमाणु हथियार देगा पाकिस्तान! रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बोले- हमारे पास जो भी है, हम उन्हें देंगे

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नए रक्षा समझौते के तहत सऊदी अरब को पाकिस्तानी परमाणु हथियार उपलब्ध कराने के मुद्दे पर विरोधाभासी बयान दिया है। पहले जियो टीवी को दिए इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि ”परमाणु हथियार से पाकिस्तान को जो सुरक्षा मिलती है” – क्या वह सऊदी अरब को भी दी जाएगी, तो उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान की परमाणु क्षमता के बारे में एक बात साफ कर दूं कि यह क्षमता हमने बहुत पहले ही अपने परीक्षण से साबित कर दी थी। साथ ही, हमारे पास युद्ध के लिए प्रशिक्षित सेना भी है। हमारे पास जो कुछ भी है, और जो क्षमताएं हैं, वे इस समझौते के अनुसार सऊदी अरब को दी जाएंगी।”

हालांकि, रॉयटर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि परमाणु हथियार समझौते का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि वे ”अभी चर्चा में नहीं हैं।’ डॉन न्यूज ने रायटर के हवाले से यह खबर दी। बाद में, साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने इस मामले पर सीधे-सीधे कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि पाकिस्तान का परमाणु सिद्धांत ”विकसित हुआ है और होता रहेगा।”

पाकिस्तान या सऊदी अरब पर हमला दोनों देशों पर हमला- ख्वाजा आसिफ
इस बीच, ख्वाजा आसिफ ने जियो टीवी को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि पाकिस्तान या सऊदी अरब में से किसी भी देश पर हमला दोनों देशों पर हमला माना जाएगा और दोनों देश मिलकर इसका जवाब देंगे। उन्होंने कहा, ”अगर पाकिस्तान या सऊदी अरब में से किसी भी देश पर कहीं से भी हमला होता है, तो यह दोनों देशों पर हमला माना जाएगा और हम मिलकर इसका जवाब देंगे।”

‘स्ट्रेटेजिक म्युचुअल डिफेंस एग्रीमेंट’ पर दोनों देशों की मुहर
बहरहाल, दोनों देशों के बीच इस नए रक्षा समझौते का आधिकारिक नाम ‘स्ट्रेटेजिक म्युचुअल डिफेंस एग्रीमेंट’ है, जिस पर इस हफ्ते रियाद में मुहर लगी थी। इसमें किसी भी देश पर हमले की स्थिति में संयुक्त रक्षा का वादा किया गया है और इसे पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच दशकों पुराने सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने के तौर पर पेश किया जा रहा है।

दूसरे देशों ने भी रक्षा समझौतों में रुचि दिखाई है: इशाक डार
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने कहा कि सऊदी अरब के साथ समझौते के बाद दूसरे देशों ने भी इस्लामाबाद के साथ इसी तरह के रणनीतिक रक्षा समझौतों में रुचि दिखाई है। लंदन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ”इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन, इस घटना के बाद दूसरे देशों ने भी इसी तरह के समझौतों की इच्छा जताई है।”

 

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