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Operation Sindoor:ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत की बड़ी रणनीति, शशि थरूर को मोदी सरकार ने दी बड़ी जिम्मेदारी

Operation Sindoor: नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर करके भारत ने पाकिस्तान में दुबके बैठे आतंकियों की कमर तोड़ दी है और इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने 100 से ज्यादा आतंकवादियों को ढेर कर दिया। अब भारत अपने नए प्लान के तहत पाकिस्तान को विश्व स्तर पर बेनकाब करने की तैयारी में है।

क्या है भारत की प्लानिंग?

मोदी सरकार ने एक रणनीति बनाई है और इसमें सिर्फ भाजपा सांसद ही नहीं, बल्कि विपक्षी पार्टियों के सांसदों को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये सभी सांसद अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करेंगे।

भारत सरकार द्वारा जारी लिस्ट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को भी शामिल किया गया है। थरूर और ओवैसी, मोदी सरकार के विरोधी रहे हैं, फिर भी इन्हें डेलिगेशन की लिस्ट में क्यों शामिल किया गया है? आईए जानते हैं…

PM Modi ने शशि थरूर को क्यों चुना?

पीएम मोदी अक्सर अपने फैसलों से लोगों को चौंकाते रहते हैं। इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया है। शशि थरूर को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है और जो भी थरूर को करीब से जानते हैं, उन्हें अच्छे से पता होगा कि पीएम मोदी ने कितना बड़ा दांव खेला है।

संयुक्त राष्ट्र में लंबा अनुभव रखने वाले थरूर कूटनीति के बड़े जानकार भी हैं। ऐसे में विश्व स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने में थरूर की भूमिका अहम हो सकती है।

थरूर 2006 में कोफी अन्नान के बाद UN के महासचिव के रेस में भी थे, लेकिन महासचिव बनने से चुक गए थे।

शशि थरूर कूटनीति के अच्छे जानकारों में से एक हैं और उन्हें अलग-अलग देशों की फितरत के बारे में पता है और किस तरह से क्या जवाब देना है, वे अच्छे से जानते हैं। कई मौकों पर उन्होंने पीएम मोदी की कूटनीति की तारीफ की है।

शशि थरूर शुरुआत से ही ऑपरेशन सिंदूर के समर्थक रहे हैं और अब मोदी सरकार ने उन्हें डेलिगेशन में शामिल किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद थरूर ने विभिन्न चैनलों पर भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखा है।

 

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