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अब भाजपा जिलाध्यक्ष पर लगे छेड़छाड़ के आरोप, महिला भाजपा कार्यकर्ता ने की शिकायत, जिला अध्यक्ष ने कहा-जब एक मामले में नहीं पढ़िए पूरी खबर

रायगढ़ । रायगढ़ जिला भाजपा में आया भूचाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिन पहले ही महिला भाजपा कार्यकर्ता द्वारा अशोभनीय हरकत के आरोप के बाद रायगढ़ के मंडल अध्यक्ष को इस्तीफा देना पड़ा था, यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि रायगढ़ भाजपा जिलाध्यक्ष पर भी इसी तरह का आरोप न सिर्फ लगाया गया है बल्कि इसकी शिकायत प्रदेश भाजपाध्यक्ष से भी की गई है। इस मामले को जिलाध्यक्ष ने अपने खिलाफ साजिश बताया है।

 

हालांकि जब भाजपा के वरिष्ठ महिला नेत्री व प्रदेश उपाध्यक्ष सरला कोसरिया रायगढ़ में मंडल अध्यक्ष पर लगे आरोपों की जांच करने आई थी उसी समय पीड़िता ने भाजपा जिलाध्यक्ष के खिलाफ भी मौखिक शिकायत की थी। इसके बाद उन्हें प्रदेश कार्यालय जाकर लिखित शिकायत करने की सलाह सरला कोसरिया ने दी थी। दूसरे ही दिन पीड़ित महिलाएं रायपुर पहुंच गई थी और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय से मिलकर लिखित शिकायत की थी।

 

शिकायत में पीड़िता ने बताया है कि 6 माह पहले जब उसके पिता की मौत हुई तब वह कोई जॉब मांगने भाजपा जिलाध्यक्ष के पास गई थी। उन्होंने पीड़िता को भाजपा कार्यालय में स्थित अपने चैम्बर में बुलाया और 5000₹ देते हुए उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा- तुम्हें काम करने की जरूरत नहीं है, तुम्हारी जरूरतें मैं पूरी करूंगा। इतना कहकर उन्होंने अपना हाथ गलत जगह पर रख दिया। इसके बाद वह वहां से भाग गई और थाना जाने की कोशिश की तो भाजपा के ही महिला कार्यकर्ताओं द्वारा उसे यह कहकर वापस भेज दिया कि उमेश अग्रवाल पैसे वाले है उसका तो कुछ नहीं बिगड़ेगा तुम्हारी बदनामी हो जाएगी।

 

इसके बाद जब 25 मार्च को एक अन्य महिला पीड़िता के आरोप की जांच करने भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रायगढ़ आई तब यह पीड़ित भी वहां पहुंची और अपनी बात बताई। इसके बाद उसे प्रदेश में लिखित शिकायत करने कहा गया इसके बाद उसने यह शिकायत प्रदेश अध्यक्ष को किया है जहां से उसे कार्रवाई का आश्वासन मिला है। पीड़िता ने न सिर्फ प्रदेशाध्यक्ष बल्कि कई राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय नेताओं को भी यह प्रतिलिपि प्रेषित किया है।

 

इस मामले पर जब मुनादी ने भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल से बात की तो उन्होंने कहा कि जब कुछ लोग एक अन्य मामले में मेरी संलिप्तता साबित नहीं कर पाए तो इस तरह के षड़तंत्र कर रहे हैं। यदि पीड़िता सच बोल रही होती तो उसे थाना जाने का विकल्प क्यों नहीं चुना या उसने इस संबंध में कभी सांसद या अन्य भाजपा नेताओं से शिकायत क्यों नहीं की। अब जबकि मेरे खिलाफ एक षड्यंत्र फेल हो चुका है तो दूसरा षड्यंत्र का यह हिस्सा प्रतीत होता है।

 

बहरहाल अब जिला भाजपा में यह बवाल फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा इस मुद्दे पर पूरी तरह बंटी दिख रही है। जहां कुछ लोग अभी भी जिला भाजपाध्यक्ष के साथ खड़े दिख रहे हैं तो कई नेता और कार्यकर्ता उनके खिलाफ भी खड़े हैं। अब देखना यह है कि भजपा का शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे पर क्या फैसला लेता है।

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