पटना । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बुधवार को विपक्षी एकता नहीं होने पर दर्द छलका है। उन्होंने कहा कि हम तो इंतजार ही कर रहे हैं। इधर, राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता रद्द किए जाने पर उन्होंने कहा कि कोर्ट के मुद्दे पर हम कुछ नहीं बोलते। पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद नीतीश पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान जब पत्रकारों ने राहुल गांधी प्रकरण को लेकर सवाल किया तब उन्होंने कहा कि कोर्ट के मामले पर वह कभी भी प्रतिक्रिया नहीं देते हैं, लेकिन उनका मानना है कि जांच सही ढंग से होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के लोग तो इस मामले पर सदन और सदन के बाहर भी अपना जवाब और पार्टी की बात रख ही रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला होता है तो सबको अधिकार है, ऊपरी कोर्ट में जाकर उसे चुनौती देने का। हम इस विषय पर कोई भी बयान नहीं दे सकते। उन्होंने दावे के साथ कहा कि कभी भी मैंने न्यायिक मामलों पर 17 साल सरकार चलाने के दौरान बयान नहीं दिया।स दौरान विपक्षी एकता को लेकर भी उनका दर्द छलक गया। नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी एकता पर मेरा ध्यान है। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है 2024 के चुनाव में ज्यादा से ज्यादा पार्टियां एकजुट हो। जितना ज्यादा लोग होंगे उतना ज्यादा हम मजबूत होंगे और ठीक से लड़ पाएंगे। लेकिन, अभी तक कांग्रेस पार्टी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली भी जाकर दो राउंड सभी लोगों से बातचीत कर चुके हैं। अब चुपचाप इंतजार कर रहे हैं।