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मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना:ग्रामीणों के लिए देवदूत, मोबाईल यूनिट द्वारा भेजे जाते हैं… स्वास्थ्य सुविधाएं

रायपुर। विगत 4 वर्षो में प्रदेश की करोड़ों जनता इस योजना से लाभान्वित हो चुकी है। इस योजना से ग्रामीणों को अधिक से अधिक लाभ हो, इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर नुक्कड़ नाटक/कलाजत्था के माध्यम से स्थानीय भाषाओं में शिविर कर लोगों को जानकारी देकर जन जागरूकता निर्मित की जाती है।

छत्तीसगढ़ राज्य की भूपेश सरकार ने दूरस्थ क्षेत्रों में निवासर्त अंतिम व्यक्तियों तक अच्छी और उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए मुख्य्मंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना की शुरुवात की थी। इस योजना के तहत मेडिकल टीम विभिन्न क्षेत्रों में जाकर वहां की जनता के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं। इस मेडिकल टीम में एक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य स्टाफ और उपयोग के सामान, साथ ही विभिन्न दवाएं भी भेजी जाती हैं। यह योजना 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती (गांधी जयंती) के उपलक्ष्य में शुरू की गई थी और तब से यह अब तक चालू है। यह योजना आम जनता और ऐसे क्षेत्रों की जनता, जो उच्च स्वास्थ्य उपचार के लिए शहरों तक नहीं आ सकते, उन तक खुद पहुंचकर उनके स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का निवारण करती है। इस योजना में अधिकारियों को पहले ही अपने क्षेत्रों में हाट बाजारों की पहचान करने और वहां मोबाइल ट्रीटमेंट यूनिट भेजने का निर्देश दिया गया है।

मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक में उपलब्ध साप्ताहिक चेक-अप और उपचार से मरीज बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं तेजी से प्राप्त कर पाते हैं। ग्रामीण और शहरी स्लम क्षेत्रों में पैथोलॉजी प्रयोगशालाएं नहीं हैं, इसलिए मरीजों को छोटे-छोटे परीक्षणों के लिए भी शहरी क्षेत्रों की यात्रा करनी पड़ती है। हाट बाजार क्लिनिक में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, सिकल सेल, एनीमिया, हीमोग्लोबिन, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों के लिए सभी रक्त परीक्षण नि:शुल्क किए जाते हैं। इससे लोगों को त्वरित चिकित्सा भी मिलती है।

करोड़ों जनता हो चुकी है लाभान्वित

इसका फायदा सबसे ज्यादा ऐसे लोगों को हुआ, जो ग्रामीण क्षेत्रो में रहते हैं। जिनको इलाज के लिए शहरों में बने बड़े हॉस्पिटलों तक आना मुश्किल था या वे लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर है। इस महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के तहत् महासमुंद सहित विकासखण्ड बागबाहरा, बसना, सरायपाली और पिथौरा जैसे अन्य जगहों में भी हर हफ्तें लगने वाली हाट-बाजार में क्लिनिक स्वास्थ्य शिविर में जॉच और इलाज की सुविधा मुहैया कराया जा रहा है। वहीं, मरीजों को त्वरित रूप से आधारभूत स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है। विगत 4 वर्षो में प्रदेश की करोड़ों जनता इस योजना से लाभान्वित हो चुकी है। इस योजना से ग्रामीणों को अधिक से अधिक लाभ हो, इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर नुक्कड़ नाटक/कलाजत्था के माध्यम से स्थानीय भाषाओं में शिविर में लोगों को जानकारी देकर जन जागरूकता निर्मित की जाती है।

मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना किसी देवदूत से कम नहीं

जनता से इस योजना के बारे में बात करने पर उन्होंने बताया कि, शासन की यह योजना बहुत ही फायदेमंद है। इस योजना के बारे में ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, अब हमारे स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार ने खुद उठा ली है। परिवार के सभी सदस्यों को भी स्वास्थ्य जांच के लिए बाजार में लगे हाट-बाजार में ही लाते हैं। हाट-बाजार में नियमित क्लीनिक लगने से अब पहले की अपेक्षा भीड़ बढ़ी है। ग्रामीण अपनी दैनिक उपयोग की सामग्री क्रय करने हेतु साप्ताहिक बाजार में आते हैं। जहां खरीदी के साथ-साथ वे अपने स्वास्थ्य की भी जांच करवा लेते हैं। दुर्गम इलाकों के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना किसी देवदूत से कम नहीं है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की इस योजना के तहत स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की जॉच कर निःशुल्क दवाईयां मुहैया करायी जाती है।

साप्ताहिक हाट बाजार सहित 89 हाट बाजार में लगाए जा रहे शिविर

प्रदेश के कई जिले की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में न जाने कितने ऐसे इलाके हैं, कितने गांव हैं, जहां से निकलकर जिला मुख्यालय तक की दूरी तय कर इलाज के लिए अस्पताल आना लोगों के लिए बेहद कठिन काम होता था। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को लेकर होती थी। यहां प्रत्येक दिन मलेरिया से लेकर दूसरी अन्य बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। गर्भवती महिलाओं के लिए इन इलाकों से निकलकर अस्पताल आना बेहद कठिन काम होता था। इस योजना में स्वास्थ्य अमला हाट-बाजारों में शिविर लगाकर लोगों का इलाज करने के साथ ही निःशुल्क दवाईयां भी उपलब्ध कराते हैं। इससे ग्राम के ही नजदीक ग्रामवासी अपने स्वास्थ्य का परीक्षण और उपचार कराते हैं, लेकिन अब दूरस्थ अंचलों में लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजार सहित 89 हाट बाजार में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजनांतर्गत स्वास्थ्य शिविर लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य लाभ पहुंचाना, गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, प्रसवपूर्व संपूर्ण जांच एवं पूर्ण टीकाकरण सहित बी.पी, शुगर, मलेरिया, जांच कीट के माध्यम से पैथालाजी जांच, नेत्र जांच, जागरूकता के अभाव में होने वाले अकाल मृत्यु को रोकना, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना, कुपोषण दर कम करना आदि है।

विभिन्न तरह की बीमारियों का किया जा रहा इलाज

हाट-बाजार में लगाए जा रहे स्वास्थ्य शिविरों में मलेरिया, फाइलेरिया, टीबी, डायरिया, कुपोषण, एनीमिया, सिकलसेल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के साथ ही गर्भवती महिलाओं के ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन के अलावा गर्भधारण परीक्षण भी किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त चर्म रोग और एच.आई.वी. की भी जॉच की जा रही है। पहले जानकारी के आभाव और अशिक्षा के कारण अंदरूनी इलाको के ग्रामीण आसपास के बैगा-गुनिया और सिरहा से झाड़-फूक के जरिये अपना इलाज करवाते थे। सही इलाज के अभाव में उनकी मृत्यु तक हो जाती थी। उन दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना अब बेहद लाभदायक सिद्ध हो रहा है।

 

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