MP NEWS: भोपाल। मध्य प्रदेश की रहस्यमयी गुमशुदगी का मामला आखिरकार सुलझने की ओर बढ़ गया है। कटनी की रहने वाली अर्चना तिवारी (29 वर्ष), जो रक्षाबंधन के दिन ट्रेन से लापता हो गई थीं, चंबल क्षेत्र में मिल गई हैं। उनके परिवार के नजदीकी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है। हालांकि, वह कैसे गायब हुईं और इस पूरी घटना के पीछे कौन है, इसकी आधिकारिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
कांस्टेबल से पूछताछ जारी
मामले की जांच कर रही जीआरपी ने ग्वालियर के एक कांस्टेबल राम तोमर को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि तोमर ने ही अर्चना के लिए इंदौर से ग्वालियर तक का ट्रेन टिकट कराया था। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसका अर्चना से क्या संबंध है और उसने टिकट क्यों कटाया। परिवार वालों ने तोमर को पहचानने से इनकार किया है।
13 दिन से लापता थी अर्चना
अर्चना तिवारी 7 अगस्त को इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस में सवार होकर कटनी आ रही थीं। उनकी आखिरी लोकेशन भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन पर मिली थी। इसके बाद उनका मोबाइल इटारसी स्टेशन के पास बंद हो गया। परिवार ने मानव तस्करी की आशंका जताई थी और सीबीआई जांच की मांग की थी।
CCTV और बड़े पैमाने पर जांच
जीआरपी और जिला पुलिस ने इंदौर से लेकर कटनी तक के स्टेशनों और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार कांस्टेबल राम तोमर के जरिए पुलिस को पहला ठोस सुराग हाथ लगा।
परिजनों ने दी पुष्टि
अर्चना के चाचा बाबू प्रकाश तिवारी और मुंह बोले भाई अंशु मिश्रा ने मीडिया को जानकारी दी कि अर्चना मिल गई हैं। परिजनों ने राहत की सांस ली है।
फिलहाल पुलिस अर्चना के गायब होने और चंबल क्षेत्र में उनके मिलने की पूरी कहानी उजागर करने में जुटी है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस हाई-प्रोफाइल मिस्ट्री से पर्दा उठ जाएगा।
