Money Laundering Case: बेंगलुरु। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म WinZO Games Pvt Ltd पर बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने कंपनी के संस्थापक सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। दोनों को बेंगलुरु में ED के जोनल ऑफिस में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें एक दिन की कस्टडी में भेज दिया।
मामला क्या है?
ताजा जांच में ED को पता चला कि WinZO कंपनी ने अपने यूज़र्स के लगभग 43 करोड़ रुपये ‘होल्ड’ कर रखे थे। केंद्र सरकार द्वारा Real-Money Gaming पर प्रतिबंध लगाने के बाद यह राशि गेमर्स को वापस करनी थी, लेकिन नियमों के विपरीत यह पैसा लंबे समय तक एस्क्रो खाते में जमा रहा।
ED की छापेमारी में क्या मिला?
ईडी ने हाल ही में 18–22 नवंबर के बीच बेंगलुरु और गुरुग्राम में कई ठिकानों पर PMLA, 2002 के तहत छापा मारा।
छापेमारी में: 18.57 करोड़ रुपये के बैलेंस वाले 8 बैंक अकाउंट फ्रीज मोबाइल फोन, लैपटॉप सहित कई डिजिटल डिवाइस ज़ब्त और Gameskraft Technologies Pvt Ltd और अन्य गेमिंग कंपनियों से बड़ा डेटा बैकअप जब्त गेम के परिणामों में हेरफेर और धोखाधड़ी के सबूत मिले है । अधिकारियों ने बताया कि गेमर्स का पैसा रोककर कंपनी ने नियमों का उल्लंघन किया और इससे जुड़े लेनदेन संदिग्ध पाए गए।
WinZO की सफाई
कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि “WinZO हमेशा अपने यूज़र्स की सुरक्षा और विश्वसनीय अनुभव को प्राथमिकता देता है। हम सभी भारतीय कानूनों का पूरी तरह पालन करते हैं।” लेकिन ED का कहना है कि रियल मनी गेम्स बैन के बाद भी कंपनी के एस्क्रो अकाउंट में 30 करोड़ रुपये से अधिक की राशि यूज़र्स को रिफंड किए बिना रखी गई।
