Mitannins indefinite strike: गरियाबंद। CG : प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ एवं प्रशिक्षक कल्याण संघ ने “मोदी की गारंटी – छत्तीसगढ़ 2023” के वादों को लागू करने की माँग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। संगठन का कहना है कि चुनाव के दौरान मितानिनों व स्वास्थ्य कर्मियों के हित में कई घोषणाएं की गई थीं, लेकिन अब तक उनका क्रियान्वयन नहीं हुआ है। इसी के विरोध में 7 अगस्त 2025 से पूरे प्रदेश की मितानिनें अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
प्रदेश अध्यक्ष जसवंत सेंगर ने चेतावनी दी है कि यदि शासन ने एक सप्ताह के भीतर माँगें पूरी नहीं कीं, तो प्रदेशभर की लगभग 72 हजार मितानिनें उग्र आंदोलन करेंगी। इसमें मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के निवास का घेराव और चक्काजाम जैसी बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रमुख माँगें (मोदी की गारंटी – छत्तीसगढ़ 2023 से जुड़ी):
1.मादक पदार्थों की तस्करी रोकने सख्त कानून – न्यूनतम 10 साल का कठोर कारावास (आजीवन तक बढ़ाया जा सके) और कम से कम 5 लाख रुपये का जुर्माना।
2.पिछली सरकार द्वारा बेची गई सरकारी जमीनों की जांच।
3.प्रदेश कर्मचारियों को केंद्र के समान डी.ए. (मंहगाई भत्ता) देना।
4.तृतीय व चतुर्थ वर्ग पुलिस कर्मियों के लिए पुलिस क्वार्टरों का निर्माण, पुलिस कल्याण कोष को सशक्त करना।
5.संगठित अपराध पर अंकुश के लिए विशेष कानून “सीजी-मोका” लागू करना।
6.सुशासन फेलोशिप – हर दो साल में 50 प्रोफेशनल्स का चयन।
7.ई-लोकायोग ऐप – नागरिक सीधे भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायत दर्ज कर सकें।
8.चिटफंड घोटाले से फंसी राशि की 5 साल के भीतर वापसी।
9.मितानिन (आशा) कर्मचारियों को एनएचएम के अंतर्गत स्थायी किए जाने की पहल।
धरना स्थल का माहौल
रायपुर व अन्य जिलों में धरना स्थल पर मितानिनें नारेबाजी कर रहीं हैं – “वादाखिलाफी नहीं चलेगी”, “गारंटी पूरी करो”। कई जगहों पर मितानिनों के साथ परिवारजन भी समर्थन में जुटे।
सरकार की चुनौती
स्वास्थ्य सेवाओं पर हड़ताल का असर दिखने लगा है। ग्रामीण इलाकों में प्रसव, टीकाकरण और प्राथमिक इलाज जैसी सेवाएँ प्रभावित हो रही हैं। अब सबकी नज़र सरकार पर है कि वह आंदोलनरत मितानिनों से बातचीत कर समाधान निकालती है या फिर आंदोलन और उग्र रूप लेता है।
