नई दिल्ली । विजयादशमी के मौके पर नागपुर में आयोजित आरएसएस के कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कई बातें कहीं। भागवत ने संघ पर सवाल उठाने वाले लोगों को भी जवाब दिया।
भागवत ने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा कि संघ के खिलाफ ईर्ष्या और स्वार्थ के आधार पर चल रहे प्रचार का असर अब खत्म हो गया है। क्योंकि संघ की समाज में पहुंच अधिक हो गई है। इससे संघ की शक्ति में भी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि संघ समाज को एक संगठित ताकत, हिंदू संगठन के रूप में विकसित करने का काम करता है। हम उन सभी को संगठित करते हैं जो हिंदू धर्म, संस्कृति, समाज और हिंदू राष्ट्र के विकास की रक्षा के इस विचार को स्वीकार करते हैं।भागवत ने आगे कहा, कुछ लोगों को डरा-धमका कर कहा जा रहा है कि उन्हें हमारे या संगठित हिंदुओं के कारण खतरा है। यह न तो संघ का स्वभाव है और न ही हिंदुओं का। संघ भाईचारे, मित्रता और शांति के पक्ष खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र की अवधारणा की चर्चा हर तरफ हो रही है। इसको लेकर कई सहमत भी हैं, लेकिन हिंदू शब्द के विरोध में हैं। वे लोग दूसरे शब्दों का उपयोग करना पसंद करते हैं। हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। अवधारणा की स्पष्टता के लिए हम अपने लिए हिंदू शब्द पर जोर देते रहेंगे।