MAHARASHTRA POLITICS : महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन पर पेंच, सीएम पद और मंत्रालयों के बंटवारे पर असमंजस

MAHARASHTRA POLITICS: Trouble over formation of new government in Maharashtra, confusion over distribution of CM post and ministries.
मुंबई। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर सस्पेंस जारी है. 23 नवंबर को चुनाव का परिणाम आया था और महायुति की प्रचंड जीत हुई. अकेले बीजेपी बहुमत के आंकड़े के करीब पहुंच गई लेकिन छह दिन बाद भी महाराष्ट्र में नई सरकार नहीं बन पाई है. कल देर शाम दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार से अलग-अलग बात ही.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, एनसीपी सांसद सुनील तटकरे भी शाह के घर पहुंचे थे, लेकिन करीब तीन घंटे की कवायद के बाद भी सीएम का नाम तय नहीं हो पाया. बड़ा सवाल ये है कि पेंच कहां फंसा हुआ है.
गृह मंत्रालय चाहते हैं शिंदे
सूत्रों के हवाले से खबर है कि कल अमित शाह के साथ बैठक में एकनाथ शिंदे को संकेत दे दिया गया कि सीएम फडणवीस ही होंगे. एकनाथ शिंदे शुरू में डिप्टी सीएम के लिए तैयार नहीं थे लेकिन बाद में उनका रूख नरम हुआ. शिंदे गृह मंत्रालय अपने पास चाहते हैं.
आज मुंबई में शाम को महायुति के तीनों नेताओं की बैठक होनी है और कल विधायक दल का नेता चुनने के लिए बीजेपी विधायकों की बैठक हो सकती है. इन बैठकों के बाद दिल्ली में भी महायुति की एक बैठक प्रस्तावित है. इससे साफ है कि अभी नई सरकार के गठन में समय लग सकता है.
शिवसेना की नजर भारी भरकम मंत्रालयों पर
शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि एकनाथ शिंदे को कुछ भारी-भरकम विभागों के साथ कैबिनेट का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, जो महाराष्ट्र में पार्टी को और मजबूत करने के लिए फायदेमंद होगा. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि सरकार में एकनाथ शिंदे की अनुपस्थिति से पार्टी विधायकों को सरकार में पर्याप्त हिस्सेदारी और फंड पाने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है.
इसी तरह अजित पवार की नजरें भी उपमुख्यमंत्री पद के साथ वित्त विभाग पर है. भाजपा नेतृत्व वित्त और योजना विभाग अपने पास रखना चाह रहा है. अजित पवार कृषि, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, महिला एवं बाल कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, खेल, ग्रामीण विकास, सहकारिता और विपणन जैसे मंत्रालयों को अपने पास रखने पर जोर देंगे.
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मंत्री पद बंटवारे का फॉर्मूला
सूत्रों के अनुसार, सरकार में विभागों के बंटवारे में प्रत्येक सहयोगी दल की हिस्सेदारी तय करने के लिए छह विधायकों पर एक मंत्री पद के फॉर्मूले पर विचार किया जाएगा. इसके अनुसार, भाजपा के पास करीब 21 से 22 मंत्री पद, शिवसेना शिंदे गुट को 10 से 12 मंत्रालय और अजित पवार एनसीपी गुट को करीब 8 से 9 मंत्रालय मिलेंगे. महाराष्ट्र में मंत्री पद का कुल कोटा मुख्यमंत्री पद सहित 43 से अधिक नहीं होना चाहिए.