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MADVI HIDMA NEW PHOTO : 25 साल बाद सामने आई हिड़मा की नई पहचान

MADVI HIDMA NEW PHOTO : Hidma’s new identity revealed after 25 years

रायपुर/बस्तर, 7 जून 2025। MADVI HIDMA NEW PHOTO  छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सल सफाया अभियान के बीच देश के सबसे खतरनाक और मोस्ट वांटेड नक्सली माड़वी हिड़मा की एक नई तस्वीर सामने आई है। 1 करोड़ के इनामी इस खूंखार नक्सली की अब तक सिर्फ एक पुरानी तस्वीर ही सुरक्षा एजेंसियों के पास थी, लेकिन अब वायरल हो रही यह फोटो नक्सल विरोधी अभियान में बड़ा मोड़ ला सकती है।

25 साल बाद सामने आई हिड़मा की नई पहचान

MADVI HIDMA NEW PHOTO  अब तक एजेंसियों के पास हिड़मा की जो तस्वीर थी, वह 1990 के दशक की मानी जाती थी। लेकिन अब जो फोटो सामने आई है, वह करीब 10 साल पुरानी मानी जा रही है। इस नई तस्वीर में हिड़मा 40-45 साल का दिख रहा है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उसकी मौजूदा उम्र 50 से 55 साल के बीच हो सकती है।

यह तस्वीर माओवादी नेटवर्क की मजबूत सुरक्षा घेराबंदी को भेदकर सामने आई है, जिसे सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह तस्वीर या तो किसी गुप्त खुफिया ऑपरेशन के जरिए या किसी आत्मसमर्पित माओवादी के इनपुट से सामने आई है।

कौन है माड़वी हिड़मा? –

असली नाम : माड़वी हिड़मा

अन्य नाम : संतोष, इंदमुल, पोडियाम भीमा

मूल निवासी : पूवर्ती गांव, जिला सुकमा (छत्तीसगढ़)

शिक्षा : दसवीं तक पढ़ा, पर रणनीति और गुरिल्ला युद्ध का माहिर

ट्रेनिंग : कहा जाता है कि वह हमास जैसे आतंकी संगठनों से गुरिल्ला तकनीक सीख चुका है

हिड़मा के बड़े नक्सली हमले –

2010 ताड़मेटला हमला : CRPF के 76 जवान शहीद

2013 झीरम घाटी हमला : 31 लोग मारे गए, कांग्रेस के शीर्ष नेता भी शिकार

2017 बुरकापाल हमला : 25 CRPF जवानों की जान गई

क्यों नहीं मिलती थी तस्वीर? –

हिड़मा की पहचान को लेकर माओवादी संगठन हमेशा से बेहद सतर्क रहा है।

वह कभी सार्वजनिक कार्यक्रमों में नहीं जाता

तीन से पांच लेयर की सुरक्षा घेरे में रहता है

माओवादी पोस्टर, बैनर और प्रचार सामग्री में उसका चेहरा कभी नहीं दिखता

यहां तक कि कई कैडर उसे व्यक्तिगत रूप से जानते तक नहीं हैं

अब रडार पर है हिड़मा –

MADVI HIDMA NEW PHOTO  बस्तर के जंगलों में चल रहे तेज़ नक्सल सफाया अभियान के बीच हिड़मा की यह तस्वीर सामने आना सुरक्षा बलों के लिए ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकता है। बसव राजू जैसे टॉप कमांडर के खात्मे के बाद माओवादी संगठन पहले से ही बिखरा हुआ है और हिड़मा की पहचान सामने आना संगठन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

 

 

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