LUMPY VIRUS : आखिर क्यों गाँव में लोगों ने छोड़ा दूध पीना ?, किस बात का है डर
LUMPY VIRUS: Why did people stop drinking milk in the village?, what are they afraid of?
जयपुर| राजस्थान में लम्पी बीमारी का क़हर लगातार जारी है. ग्रामीण इलाक़ों में गायों की मौत से हाहाकर मचा हुआ है. सरकार ने माना कि लम्पी संक्रमण से अब तक राजस्थान में 45 हज़ार गायों की मौत हो चुकी है और 10 लाख 36 हजार गौवंश फिलहाल इस बीमारी से संक्रमित हैं. प्रदेश के बारां जिले को छोड़कर हर जिले में लम्पी संक्रमण पशुधन को लील रहा है. सरकारी आंकड़े भले ही 45 हज़ार से अधिक गायों की मौत का आंकड़ा बता रहे हों लेकिन हकीकत ये है कि मौतों का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है.
पश्चिमी राजस्थान सबसे अधिक प्रभावित –
सरकार की मानें तो राजस्थान में लम्पी संक्रमण से अब तक 45 हजार 63 गायों की मौत हो चुकी है जबकि 10 लाख 36 हजार गौवंश इससे संक्रमित हैं और 99 हज़ार गायों का इलाज चल रहा है. हालांकि अब तक 5 लाख 71 हज़ार गायों को इलाज के बाद ठीक भी किया जा चूका है. सूबे के पशुपालन मंत्री लाल चंद कटारिया की मानें तो पश्चिमी राजस्थान में इस संक्रमण का प्रकोप ज्यादा है.
खुले में फेंकी जा रहीं मृत गायें –
सबसे अधिक डराने वाली बात ये है मृत गायों को खुले में फेंका जा रहा है. बीकानेर और बाड़मेर में हजारों की संख्या में मृत गाएं खुले में पड़ी हुई मिली हैं. वक्त गुजरने के साथ गायों का मृत शरीर सड़ रहा है और उससे भयंकर दुर्गंध आ रही है, जिससे लोगों का जीना दूभर हो गया है.
मृत गायों को लेकर विपक्ष हुआ हमलावर –
मृत गायों की तस्वीरें सामने आने के बाद अब विपक्ष भी सरकार पर गौवंश की रक्षा में विफल रहने का आरोप लगा रहा है. लम्पी की वजह से होती गायों की मौत पर विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने इस मुद्दे पर सरकार को विधानसभा में घेरने का भी ऐलान किया है. साथ ही पशु हानि के लिए उनके मालिकों को मुआवजा देने की भी मांग की है.
लोगों ने दूध पीना किया बंद –
राजस्थान सरकार ने अब तक लम्पी को महामारी घोषित नहीं किया है, हालांकि राज्य सराकर इसे महमारी घोषित करने के लिए केंद्र को पत्र लिख रही है. गांव में लोगों ने बीमारी फैलने के डर से दूध पीना बंद कर दिया है. वहीं शहर में डेयरी पर दूध और घी की सप्लाई प्रभावित हो रही है. इस बीमारी को रोकना राजस्थान सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है.