योगी के उन अफसरों के बारे में जानिए जिन्होंने 24 घंटे के भीतर बदल दी लखीमपुर खीरी कांड की कहानी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए बवाल में आठ लोगों की मौत हो गई। किसानों के आंदोलन के बीच हुई इस घटना के बाद लखीमपुर खीरी समेत पूरे पश्चिमी यूपी में किसानों के बीच आक्रोश फैलेन की आशंका थी लेकिन योगी सरकार ने समय रहते ही सारी चीजों को मैनेज कर लिया और मामले को बढ़ने से पहले ही दबा दिया गया। दरअसल इस पूरे मामले में कुछ अधिाकरियों ने पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाई तो कुछ ने सामने से अपने रोल को अदा किया। आइए जानते हैं कि योगी के उन खास अफसरों के बारे में जिन्होंने इस पूरे मामले में सरकार की किरकिरी होने से बचा लिया।
एडीजी प्रशांत कुमार ने जीता
सीएम योगी का भरोसा
पूरा देश लखीमपुर हिंसा की बढ़ती लपटों को देख रहा था लेकिन 24 घंटे से भी कम समय में सब कुछ शांत हो गया। यह सब कैसे हुआ? इसके पीछे कौन लोग थे? किसानों के गुस्से को भांपते हुए किसने मनाया राकेश टिकैत को?। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रशांत कुमार पर भरोसा जताया और उन्हें खुली छूट देकर लखीमपुर भेज दिया। प्रशांत ने रणनीतिक रूप से केवल राकेश टिकैत को लखीमपुर आने की अनुमति दी।
प्रशांत कुमार ने टिकैत को सरकार
की मंशा के बारे में बताया
टिकैत के आते ही प्रशांत ने उन्हें विश्वास में ले लिया और सरकार की मंशा को बताया और उनकी सभी मांगों को एक झटके में स्वीकार कर लिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ टिकैत बैठे थे। आईपीएस होने के बावजूद उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि मंत्री के बेटे के खिलाफ एफआईआर होगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मृतकों के लिए मुआवजे से लेकर नौकरी तक का आश्वासन दिया।