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KHABAR CHALISA SUNDAY SPECIAL तिरछी नजर : अवार्ड के लिए कुछ भी करेगा!!

KHABAR CHALISA SUNDAY SPECIAL Slanting Eye: Will do anything for the award!!

विधानसभा के बजट सत्र में भ्रष्टाचार के कई प्रकरण सामने आए हैं। कुछ पर जांच भी बिठाई गई है। मगर कई प्रकरणों पर तो चर्चा तक नहीं हो पाई। इनमें जल जगार महोत्सव में अनियमितता का प्रकरण भी है।

बताते हैं कि धमतरी में कुछ माह पहले जल जगार महोत्सव की काफी धूम रही और तत्कालीन कलेक्टर को प्रधानमंत्री अवार्ड देने की  घोषणा हो गई। अब जब विधानसभा में सवाल लगा, तो महोत्सव में गड़बड़ियों की पोल खुल गई। खास बात यह है कि महोत्सव का जिम्मा रायपुर की एक इवेंट कंपनी को दिया गया और इसके एवज में 2 करोड़ 10 करोड़ रुपए भुगतान किया गया। यही नहीं, इवेंट कंपनी को कार्यादेश जारी होने के चार दिन के भीतर 40 लाख रुपए एडवांस भुगतान कर दिया गया।

महिला कलेक्टर ने सरकार के विभागों के अलावा उद्योगपतियों से भी आर्थिक सहयोग लिया था। ये सब रिकॉर्ड में आ चुका हैं। इसी बीच केन्द्र की टीम आई, जिनकी खूब खातिरदारी हुई । और फिर इसके कुछ दिन बाद महिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री अवार्ड देने की घोषणा कर दी गई।  यानी सब कुछ प्रायोजित था। इसके तुरंत बाद महिला कलेक्टर केन्द्र सरकार में पोस्टिंग कराने में सफल रही ।

अब प्रधानमंत्री सिविल सर्विसेस डे पर महिला कलेक्टर को सम्मानित करेंगे। इससे परे कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं ने महोत्सव से अनियमितताओं की फाईल तैयार की है और यह मामला देर सबेर सुर्खियों में आने वाला है।

बावजूद इसके जानकार लोग अब महिला कलेक्टर के प्रबन्धन की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। जिन्होंने इनाम पाने के वो सब कुछ किया,जिसे करने में ज्यादातर अफसर कतराते हैं। खास बात यह है कि यह अकेली कलेक्टर थीं जिन्हें हटाने के लिए कारोबारियों ने सीएम को भी ज्ञापन दिया गया था। मगर पांच साल बाद महिला अफसर प्रतिनियुक्ति से लौटेंगी, तो शासन-प्रशासन के लोग सब कुछ भूल चुके होंगे।

याद आई बृजमोहन की…

नए नए विधायक बने सुनील सोनी रोजमर्रा मेल-मुलाकात के लिए आने वाले रायपुर दक्षिण विधानसभा के लोगों से परेशान हैं। सुनील सोनी से ज्यादातर लोग आर्थिक मदद के लिए आ रहे हैं। सोनी जी ठहरे, ठन-ठन गोपाल। सो, लोगों को निराश लौटना पड़ता है।

सुनील सोनी के पूर्ववर्ती बृजमोहन अग्रवाल अपनी उदारता के लिए जाने जाते रहे हैं। रोजाना हजारों रुपए तो साधु-संतों पर न्यौछावर कर देते रहे हैं। कुछ इसी तरह की उम्मीद सुनील सोनी से पाले हुए थे, जो कि पूरी नहीं हो पा रही है। अब हाल यह है कि सुनील सोनी और क्षेत्र के कई लोग एक-दूसरे से संतुष्ट नहीं हो पा रहे हैं। सुनील सोनी के निवास से लौटने वाले लोग अभी से बृजमोहन अग्रवाल को याद करने लगे हैं।

मुझको भी तो लिफ्ट करा दे..

सरकार के निगम-मंडलों में नियुक्तियों को लेकर भाजपा के भीतर असंतोष साफ दिखाई दे रहा है। पद नहीं मिलने से नाराज़ कई नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व तक अपनी बात पहुंचाई है।

बताते हैं कि पार्टी के एक नेता किशोर महानंद तो एयरपोर्ट पर सीएम विष्णु देव साय से मिलकर अपनी बात रख दी। उन्होंने कहा भाई साब, सबको कुछ न कुछ मिल गया है, लेकिन मेरा नंबर नहीं लगा। सीएम मुस्कुराकर आगे बढ़ गए।

भाजपा विधायक आपस में भिड़े

दुर्ग में मासूम से दुष्कर्म मामले को लेकर राजनीतिक हलचल मची हुई है। इस मामले में  भिलाई विधायक रिकेश सेन ने गजब बयान दे दिया है जो स्थानीय भाजपा विधायक के लिए गले की फांस बन गई है।

दरअसल, रितेश सेन मासूम से दुष्कर्म मामले में अपने खर्च से दिल्ली केे बड़े वकील लाने की घोषणा कर दी और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के मामले में अपना स्टैंड लिया है। इस मामले में स्थानीय भाजपा विधायक के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। क्योंकि यह मामला दुर्ग शहर का है और रिकेश सेन वैशाली नगर विधायक है। ऐसे में गजेन्द्र यादव इस मामले को पार्टी के नेताओं के समक्ष ले जाकर अपने क्षेत्र में सक्रियता दिखाने की रिकेश  की शिकायत की है।

उन्होंने पार्टी नेताओं से यह कहा है कि रितेश सेन की सक्रियता मेरे क्षेत्र के बजाय अपने क्षेत्र में होना चाहिए। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए पार्टी नेता डैमेज कंट्रोल में लगे हैं ।

मंत्रिमंडल फेरबदल टला, अफसरों को राहत

बहुप्रतिक्षित मंत्रीमंडल फेरबदल टलने से लंबित अफसरों का भी तबादला भी टल गया है। कुछ अफसर जो जिला छिनने की आशंका से दुखी थे वे राहत जरूर महसूस कर रहे होंगे। क्यूंकि यह माना जा रहा था कि, मंत्रिमंडल फेरबदल के तुरंत बाद मंत्रियों से सलाह मशविरा कर अफसरों का भी तबादला किया जाएगा। लेकिन यह फेरबदल टलने से आईपीएस व आईजी तबादला भी टल गया है। इससे जिन अफसरों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थी उनका तबादला टल गया है। जबकि नये आईपीएस जिनकी नियुक्ति जिलों में होनी थी उनकी नियुक्ति भी टल गई। अब नये अफसरों को इंतजार करना पड़ जाएगा।

छपास रोगी कलेक्टर ..

राज्य में एक जिले के  कलेक्टर छपास रोग से पीड़ित हैं। इससे स्थानीय नेता व अफसर त्रस्त हैं। लेकिन भाजपा नेता मन मसोस कर रह जा रहे हैं क्योंकि कलेक्टर भी पहुंचे हुए पीर हैं। उनकी पहुंच ऊपर तक है।  अब  सरकार में पद बंट रहे हैं,तो अपना सीआर भला कौन खराब करे। फिलहाल तो खामोश हैं।

सत्ता और संगठन में टकराव

प्रदेश में संगठन व सरकार के बीच टकराहट जमीनी स्तर पर देखने को मिल रहा है। इधर मैदानी ईलाके के एक जिले में संगठन नेताओं व मंत्री समर्थकों की खेमेबाजी से आजकल भाजपा प्रदेश संगठन त्रस्त है। एक तरफ जहां संगठन के लोग मंत्री की शिकायत लेकर प्रदेश कार्यालय पहुंच जाते हैं जबकि मंत्री समर्थक संगठन के खिलाफ मंत्री जी के कान भरने में लगे रहते हैं। इससे जिले में संगठन व मंत्री समर्थकों के बीच जूतम पैजार की स्थिति बन गई है।

हालांकि मंत्री जी की सह्रदयता सबको पता है लेकिन समर्थक कहा मानने वाले हैं। यही कारण है कि संगठन के नेता पार्टी कार्यालय में दुर्भावना से काम नहीं करने की शिकायत करते हैं।

मुआवजे में गबन का मामला फिर पकड़ेगा जोर..

भारतमाला योजना में मुआवजे की राशि का गबन मामला जोरशोर से उठा था। लेकिन इस तरह का मामला कई क्षेत्रों से आना शुरू हो गया है। इसमें न केवल सफेद पोश नेता शामिल हैं बल्कि कांग्रेस बड़े नेता का नाम भी आ रहा है। रायपुर से धनबाद इकानामी कारिडोर हाईवे निर्माण में भूमि मुआवजा का प्रकरण सरगुजा, जांजगीर-चांपा, कोरबा सहित अन्य जिलों से भी आने लगा है। अब इसकी जांच अगर होती है एक बार फिर से यह मामला तूल पकड़ेगा यह तय है।

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