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KHABAR CHALISA SUNDAY SPECIAL तिरछी नजर : ईडी का प्रकोप

KHABAR CHALISA SUNDAY SPECIAL Sideways View: Wrath of ED

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ईडी पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि एजेंसी ने सारी हदें पार कर दी है। इस टिप्पणी से कांग्रेस खेमे में आशा की किरण जागी है। जेल में ढाई साल से बंद लोगों को अगस्त माह के प्रथम सप्ताह का और इंतजार है।

बताया गया कि ईडी के सख्त नियम कानून के खिलाफ लगाई गयी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सुनवाई करेंगे। जेल में बंद नेताओं,अफसरों,ठेकेदारों सत्ता के करीबी रणनीतिकारों के लिए अगले तीन महीने और इंतजार करना पड़ेगा। ईडी मामले में जमानत के बाद कई लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में भी मामले चल रहे हैं। रामगोपाल अग्रवाल जैसे कुछ लोग अपनी गिरफ्तारी के भय से देश से बाहर चले गए हैं।

10 प्रतिशत बढ़ेगा  टैक्स

नगरीय निकाय क्षेत्रों की खस्ताहालात सुधारने के लिए चल रही कवायद के बीच 10 प्रतिशत टैक्स बढ़ाने का निर्णय बैठक में लिया गया है। अब इस फैसले को इस तरह लागू कराना है, इसको लेकर माथा पच्ची चल रही है।

निगम में टैक्स बढ़ाने के निर्णय को लेकर भाजपा के नेता दो भागों में विभाजित है। कुछ नेताओं ने टैक्स कम बढ़ाने का सुझाव भी दिया है।

बस्तर में राजनीतिक मुर्गा लड़ाई…

बस्तर में कडक़नाथ मुर्गा की मांग देशभर में रहती है। इस मुर्गे के मांग के कारण कई बार विवाद भी उत्पन्न होता है। मुर्गा लड़ाई के नाम पर हजारों का जुआ भी बस्तर में खेला जाता है। इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज बकरा भात,मुर्गा आदि को लेकर रैली-प्रदर्शन निकाल रहे हैं जिसकी चर्चा राजनीति क्षेत्रों में भी जमकर है।

पुलिस का खुफिया तंत्र मजबूत..

प्रदेश में नक्सलवाद खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है। बड़े नक्सली मारे जा रहे हैं। पुलिस फोर्स का मनोबल जबरदस्त तरीके से बढ़ा हुआ है। बस्तर पुलिस की टीम सीआरपीएफ के जवानों को पक्की सूचना मिल रही है। बस्तर में इंटलीजेंस फेल की खबरें नहीं आ रही है। पुलिस विभाग में खुफिया तौर पर काम करने वाले अधिकारी सुबह से रात तक मेहनत कर नक्सलियों की रणनीति को फेल कराने में लगे हुए हैं। गृहमंत्री विजय शर्मा दिल्ली से लेकर रायपुर तक के बड़े अधिकारियों और नेताओं के नियमित संपर्क में है। नक्सल आंदोलन से विजय शर्मा की छवि जबरदस्त तरीके से उभरकर सामने आ रही है।

मंत्री के एसी से परहेज…

प्रदेश के एक मंत्री एसी का कम उपयोग कर जमीनी हालात को समझना चाहते हैं और शरीर को भी ठीक करने में जुटे है। प्रदेश के एक दिग्गज मंत्री अपनी छवि को लेकर बेहद संजीदा रहते हैं। इस मंत्री का स्वास्थ्य काम की अधिकता और दौड़ भाग के कारण खराब हो रहा था। मित्रों और चिकित्सकों की सलाह पर पिछले दिनों प्रदेश के बाहर प्राकृतिक चिकित्सा कराने भी गये थे। आने के बाद बंगले व कार्यालय में एसी बंद कर कामकाज निपटा रहे थे। प्रदेश के ज्यादातर नौकरशाह सरकार आने के बाद एसी कमरे और एसी घर से बाहर निकलते ही नहीं है। दिन -दुनिया की जानकारी रहती नहीं है। सरकार कई बार जमीनी हकीकत से दूर हो जाती है।

मंत्री की दखल से खफा पंचायत पदाधिकारी

सरकार के एक मंत्री अपने जिले के जिला पंचायत के काम में हस्तक्षेप कर रहे हैं। इससे पंचायत के पदाधिकारियों में नाराजगी है।

बताते हैं कि मंत्रीजी ने पिछले दिनों जिला पंचायत के दो सभापति का चुनाव सिर्फ इसलिए रूकवा दिया कि उन्हें दोनों नाम पसंद नहीं थे। मंत्री के क्षेत्र में पार्टी समर्थित जिला पंचायत सदस्यों को बूरी हार का सामना करना पड़ा । मंत्रीजी की शिकायत पार्टी संगठन तक पहुंची है। चुनाव हो पाता या नहीं,यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा।

मंत्री- कलेक्टर में जंग

सरकार के एक ताकतवर मंत्री और कलेक्टर के बीच तनातनी चल रही है। एक कार्यक्रम के दौरान मंत्रीजी और कलेक्टर के बीच विवाद भी हुआ। तब सीएम को दखल देना पड़ा था।

अब मंत्रीजी किसी भी तरह कलेक्टर को बदलना चाहते हैं लेकिन दिक्कत ये है कि भाजपा के ही कई नेता कलेक्टर के पक्ष में है। ऐसे में कलेक्टर का हटना आसान नहीं  है।

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