किसानों की चिंता बढ़ी, धान की रोपाई लेट, फसलें सूखने का संकट

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जगदलपुर :  बस्तर संभाग सावन में भी बारिश को तरस रहा है। घने काले बादल तो छा रहे हैं, लेकिन बिना बरसे ही विदा हो जा रहे हैं। बारिश नहीं होने से किसानों की भी चिंता बढ़ गई है। संभाग में सबसे कम पानी अभी तक दंतेवाड़ा में बरसा है। बस्तर की जीवनदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी में भी जल स्तर घट गया है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो बुधवार को संभाग में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बस्तर संभाग में सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कोंडागांव, कांकेर व नारायणपुर सहित जिले हैं। एक तरफ जहां सुकमा में औसत से 68% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है तो वहीं सुकमा के पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले में औसत से 29% कम बारिश हुई है। कम बारिश होने वाले जिलों में कांकेर व बस्तर भी पीछे नहीं है। इन तीनों जिले के लोग अब भी बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। गर्मी और उसम से भी लोग हलकान हो रहे हैं।

किसान बोले – बारिश नहीं हुई तो होगा नुकसान
संभगा के कांकेर, दंतेवाड़ा और बस्तर जिले के किसानों की चिंता और बढ़ गई है। किसान रामधर, किशन, नागेंद्र, भोला, बदरू सहित अन्य ने कहा है कि सावन का महीना चल रहा है, लेकिन बारिश होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। यदि अब भी अच्छी बारिश नहीं होती है तो उनकी फसलों को काफी नुकसान हो जाएगा। वैसे भी कम बारिश होने की वजह से किसानों ने रोपाई का काम भी काफी लेट में किया था। हालांकि सुकमा में हुई बारिश के बाद अब किसानों के चेहरे में थोड़ी खुशी नजर जरूर आ रही है।

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