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 तिरछी नजर :अलग-थलग पड़े जयसिंह

राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और कोरबा कलेक्टर रानू साहू के बीच विवाद सुलझ नहीं पाया है । दोनों के बीच विवाद पर पैनी नजर रखने वाले एक अफसर ने अनौपचारिक चर्चा में कहा कि जब डीएमएफ है तब तक मंत्री और कलेक्टर के बीच विवाद नहीं सुलझ सकता । उन्होंने डीएमएफ को डिफिकल्ट मैनेजमेंट फंड करार दिया ।
कोरबा जैसे जिले में 7 सौ करोड़ का फंड है और इसके खर्चों को लेकर स्थानीय विधायक जयसिंह अग्रवाल की कलेक्टर रानू साहू से ठनी हुई है । राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली रानू साहू ने जिले के बाकी विधायकों को साथ लेकर मंत्री को अलग-थलग कर दिया है । डीएमएफ का ही प्रभाव था कि कांग्रेस और भाजपा, दोनों के विधायक सारे विवाद के लिए मंत्री जयसिंह अग्रवाल को ही दोषी ठहरा दिया । डेढ़ साल बाद चुनाव हैं और ज्यादा विवाद करेंगे तो नुकसान ही होगा, यह सोचकर राजस्व मंत्री ने खामोशी ओढ़ ली है ।

 तेवर दिखाना भारी पड़ा

राजनांदगांव दौरे पर आए केन्द्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा के सामने कलेक्टर पर तेवर दिखाना सांसद प्रतिनिधि भरत वर्मा को भारी पड़ गया । भरी बैठक में भरत वर्मा ने सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और बंदरबांट होने की बात कह गए । इस पर कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा तैश में आ गए और सांसद प्रतिनिधि को भाषा की मर्यादा का ध्यान रखने नसीहत दे दी । उन्होंने कहा कि शिकायतों का स्वागत है लेकिन बिना किसी प्रमाण के बंदरबांट होने जैसी बात कहना उचित नहीं है । केन्द्रीय मंत्री ने भी कलेक्टर से सहमति जताई, तब जाकर विवाद शांत हुआ।

रमन सिंह से खफा हैं विष्णु देव साय

चर्चा है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय पूर्व सीएम डां रमन सिंह से खफा हैं । बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष पद से साय के हटने की अटकलों को पूर्व सीएम ने यह कहकर हवा दे दी कि कौन प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनना चाहता? कई ने तो कपड़े भी सिलवा लिए हैं। पूर्व सीएम ने भले ही यह बात हल्के फुल्के अंदाज में कही लेकिन साय को हटाने की अटकलों को बल मिल गया । बस इसी बात से विष्णु देव साय, रमन सिंह से नाराज चल रहे हैं ।

 खाता न बही भतप्रहरी जो कहे सही
प्रदेश के निर्माण विभागों के ठेकेदार हड़ताल कर रहे हैं लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर अब तक गौर नहीं किया है । एक सीधा सा सवाल है कि ठेकेदारों को नुकसान हो रहा है, तो 35 फीसदी बिलो रेट पर ठेका क्यों ले रहे हैं ? पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार एक और वजह से परेशान हैं । यह कि चार-पांच लाख रुपए के बिल के पेमेंट के लिए ईएनसी दफ्तर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं । बताते हैं कि संबंधित ईई को कई बार ठेकेदार को साथ लेकर ईएनसी दफ्तर जाना पड़ता है तब कहीं जाकर बिल पास होता है । ईएनसी विजय भतप्रहरी को निर्माण विभागों में सबसे ताकतवर अफसर माना जाता है । खाता न बही, भतप्रहरी जो कहे वही सही ।
गिफ्ट में मिली कार चर्चा में

एक निजी बैंक ने एक विभाग के सरकारी बैंक से अपने यहां खाते ट्रांसफर के एवज में दो कार गिफ्ट किए हैं । बताते हैं कि कार तो विभाग को गिफ्ट किया गया है, लेकिन यह अभी किसी को अलाट नहीं किया गया है । कार को आए महीने भर हो गए हैं लेकिन किसी को अलाट नहीं होने से सवाल उठाए जा रहे हैं । कुछ लोग पूछ रहे हैं कि कार किसी अफसर को तो नहीं गिफ्ट किया गया है, चाहे कुछ भी हो कार की चर्चा खूब हो रही है ।

  बाबा खेमे को सफलता

युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की जो सूची जारी हुई, उसमें छत्तीसगढ़ के पांच युवाओं को जगह मिली है । इनमें कोको पाढ़ी राष्ट्रीय महासचिव, मिलिंद गौतम, मोहम्मद शाहिद, लोकेश वशिष्ठ, और शशि सिंह राष्ट्रीय सचिव बने हैं और ये सभी बाबा खेमे के माने जाते हैं । मगर प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में भूपेश खेमे के आकाश शर्मा बाजी मार ले जा रहे हैं । यहाँ बाबा समर्थक मोनू अवस्थी पीछे चल रहे हैं । अब तक के रूझान से साफ दिख रहा है कि दिल्ली में भले बाबा का दबदबा हो, लेकिन प्रदेश युवक कांग्रेस संगठन में भूपेश समर्थक ही हावी रहेंगे ।

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