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ISRO MOON MARS MISSION : 2047 तक चाँद पर क्रू स्टेशन और मंगल पर 3डी मुद्रित आवास बनाने की तैयारी

ISRO MOON MARS MISSION : Preparations to build crew station on the Moon and 3D printed habitat on Mars by 2047

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अगले चार दशकों के लिए अपना भव्य रोडमैप जारी किया है। इस योजना के तहत भारत न सिर्फ चाँद पर क्रू स्टेशन स्थापित करेगा, बल्कि मंगल ग्रह पर भी 3डी-मुद्रित आवास बनाकर वहां मनुष्यों को भेजने का रास्ता तैयार करेगा। यह घोषणा हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह के दौरान की गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2023 में इसरो को लक्ष्य दिया था कि 2035 तक भारत अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाए और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारा जाए। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए इसरो ने भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं का खाका खींचा है।

2047 तक चंद्रमा पर क्रू स्टेशन का निर्माण।

चाँद पर खनिज और संसाधनों की खुदाई के लिए खनन गतिविधियां।

चालक दल वाले चंद्र वाहनों (लूनर टेरेन व्हीकल) का संचालन।

इंटर-प्लानेटरी मिशन के लिए प्रणोदक डिपो का निर्माण।

मंगल ग्रह पर 3डी प्रिंटेड हाउसिंग और मानव मिशन की तैयारी।

इसरो ने अपने प्रक्षेपण यानों को भी और अधिक शक्तिशाली बनाने की योजना बनाई है। वर्तमान में इसरो का जीएसएलवी मार्क-3 पृथ्वी की निचली कक्षा में 8 टन तक का पेलोड ले जा सकता है। वहीं विकासाधीन लूनर मॉड्यूल लॉन्च व्हीकल (एलएमएलवी) 80 टन तक का पेलोड पृथ्वी की निचली कक्षा में और 27 टन तक का पेलोड चंद्रमा की कक्षा में ले जाने में सक्षम होगा।

इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि एलएमएलवी की ऊँचाई 119 मीटर यानी लगभग 40 मंजिला इमारत के बराबर होगी और यह 2035 तक तैयार हो सकता है। इसे चंद्र अभियानों और 2040 के मानव मिशन में इस्तेमाल किया जाएगा।

भारत का गगनयान मिशन और हाल ही में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन यात्रा इस बात का संकेत हैं कि भारत मानव अंतरिक्ष उड़ानों की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस रोडमैप के पूरा होने पर भारत न सिर्फ एशिया बल्कि दुनिया के प्रमुख स्पेस पावर देशों में शामिल हो जाएगा।

 

 

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