नई दिल्ली। कोरोना काल में आर्थिक गतिविधियां शिथिल हो गई थी। चौतरफा आर्थिक दुश्वारियों की बयार बह रही थी। बेरोजगारी के आगोश में लिपटे लोगों का हाल बेहाल था। राष्ट्रीय स्तर पर संचालित होने वाले व्यापार पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके थे, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले व्यापार की तो बात ही करना बेमानी होगी। दूसरे मुल्कों से ताल्लुकात पूरी तरह से कब्र में दफन हो चुके थे। तन्हाई के आलम में न महज हम और आप, बल्कि यह देश भी गुजर रहा था। जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे व्यापार को बहुत चोट पहुंची थी। जिसकी भरपाई करना उस समय बहुत मुश्किल लग रहा था, लेकिन अब केंद्र सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता व संकल्पबद्धता के सहारे न महज आर्थिक दुश्वारियों को कमतर किया है, अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय व्यापारों की साख भी बढ़ाई है।
अभी सरकार की तरफ से एक आंकड़ा जारी किया गया है, जिसमें भारत की तरफ से अन्य देशों में निर्यात होने वाले वस्तुओं के आंकड़ों का उल्लेख किया गया है। सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि इससे पहले इतना निर्यात भारत ने कभी नहीं किया था। यकीनन, यह हमारे लिए किसी सुखद स्थिति से कम नहीं है। ऐसे वक्त में जब कोरोना से कई देश अभी तक उबर भी नहीं पाए हैं। उनकी आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। ऐसे में अन्य देशों की तुलना में आर्थिक पटल पर भारत का प्रदर्शन काफी उत्कृष्ट रहा है। विशेषत: जी-7 देशों की तुलना में भारत ने निर्यात के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। चलिए, जरा हम आपको सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से रूबरू कराएं चलते हैं कि आखिर आर्थिक दुश्वारियां को अलविदा कह कर आर्थिक हरियाली की कितनी फसल काटी जा रही है।