आत्मा का कल्याण करना है तो पहले शरीर के महत्व को समझो : मनीष सागरजी महाराज

If you want to do good to your soul, then first understand the importance of your body: Manish Sagarji Maharaj
अतिराग में डूबकर शरीर का दुरुपयोग पतन की ओर ले जाता है
रायपुर। टैगोर नगर स्थित पटवा भवन में जारी चातुर्मासिक प्रवचनमाला में शनिवार को परम पूज्य उपाध्याय प्रवर युवा मनीषी श्री मनीष सागरजी महाराज ने कहा कि ने कहा कि शरीर के प्रति अतिराग नहीं करना चाहिए। सदैव शरीर का सदुपयोग करना चाहिए। जो हमें प्राप्त है, वह पर्याप्त है इस सिद्धांत में रहकर आनंद नहीं खोना चाहिए। शरीर को ढकने के लिए कपड़े की आवश्यकता है लेकिन उन कपड़ों के चयन करने में डूबना अतिराग है। बाल सफेद हो जाए तो उसे छुपाने के लिए डाई करना यह अतिराग है। शरीर को संभालने के बजाए इसे सजाने और संवारने में कितना समय व्यर्थ हो रहा है, यह भी अतिराग ही है।
उपाध्याय भगवंत ने कहा कि आत्मा तक पहुंचना है, आत्मा का कल्याण करना है तो पहले शरीर को समझना होगा। शरीर हमारे पास एक है। शरीर से लगाव होने से हमें ऐसा प्रतीत होता है कि आत्मा ही शरीर है, शरीर ही आत्मा है। यह भ्रम होता है लेकिन यह दोनों भिन्न है। जैसे तलवार और म्यान भिन्न होती है। वैसे ही आत्मा और शरीर भिन्न है।
उपाध्याय भगवंत ने कहा कि शरीर निर्वाण को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। वास्तव में शरीर की उत्तमता बढ़ाकर ज्ञानी यह सिद्ध करना चाहते हैं कि आप शरीर का सदुपयोग अच्छी तरह से करो। शरीर का दुरुपयोग नहीं करो। शरीर की तीन विशेषता दुर्लभता, योग्यता, उपयोगिता है। मनुष्य का शरीर दुर्लभ है और यह कितने भव में भटकने के बाद प्राप्त होता है ये सभी को पता है। इसकी योग्यता भी आमाप है। ये वैज्ञानिक और धर्मशास्त्र बोलते हैं। मोक्ष और संयम का भी मूल शरीर है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का शरीर मूल है।
उपाध्यक्ष भगवंत ने कहा कि शरीर देवालय है। शरीर को मंदिर की उपमा दी गई है। इसमें आत्मा रूपी देव विराजते हैं। मनुष्य शरीर दुर्लभ है, यह अति कठिनाई के प्राप्त होता है। ब्रह्मांड में मनुष्य शरीर को धारण करना अत्यंत कठिन है। एक बार खो जाएगा तो जीव को अनंत योनियों में भटकना पड़ता है। इस शरीर को धारण करने देवता भी तरसते हैं और यह आपको प्राप्त हुआ है तो आप इसका ध्यान जरूर करें।
कलश यात्रा आज, करेंगे सोने-चाँदी का दान
अजमेर में बनने जा रही भव्य दादाबाड़ी के शिलान्यास के लिए कलश यात्रा का आयोजन रविवार 27 जुलाई को सुबह साढ़े 8 बजे किया जा रहा है। कलश को अजमेर दादाबाड़ी की शिलाओं के मध्य प्रतिष्ठित किया जाएगा। कलश यात्रा सुबह साढ़े 8 बजे श्री गौतम लोढ़ा के निवास सेक्टर 5, टैगोर नगर भंसाली कल्प वृक्ष के पीछे से पटवा स्थानक टैगोर नगर आएगी। एक कलश में उपाध्याय भगवंत का वासक्षेप और दूसरे कलश में श्रावक-श्राविकाओं द्वारा सोने-चाँदी का दान अर्पण किया जाएगा। सकल संघ से निवेदन किया गया है कि इस मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होकर पुण्य अर्जन करें।