HYDERABAD : तेलंगाना का हुआ हैदराबाद, अब नहीं रहा आंध्र प्रदेश का कंट्रोल, 10 साल की समय सीमा खत्म ..

HYDERABAD: Hyderabad became part of Telangana, Andhra Pradesh no longer has control, 10 years time limit is over..
हैदराबाद, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की साझा राजधानी अब नहीं रही. 2 जून से हैदराबाद सिर्फ तेलंगाना की राजधानी हो गई है. 2014 में अविभाजित आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय हैदराबाद को 10 वर्षों के लिए दोनों राज्यों की राजधानी बनाया गया था.
2 जून 2014 को तेलंगाना अस्तित्व में आया था. आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में कहा गया था, “2 जून से मौजूदा आंध्र प्रदेश राज्य में हैदराबाद, दस वर्षों से अधिक अवधि के लिए तेलंगाना राज्य और आंध्र प्रदेश राज्य की साझा राजधानी होगी.”
पुनर्गठन अधिनियम में कहा गया, “उप-धारा (1) में इस (निर्धारित) अवधि खत्म होने के बाद, हैदराबाद तेलंगाना राज्य की राजधानी होगी और आंध्र प्रदेश राज्य के लिए एक नई राजधानी होगी.”
2014 में तेलंगाना को मिला था राज्य का दर्जा –
फरवरी 2014 में संसद में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पारित होने के बाद 2 जून 2014 को तेलंगाना का एक राज्य के रूप में गठन किया गया था, जो कि दशकों पुरानी मांग का नतीजा था.
सीएम रेवंत रेड्डी ने दिया अधिकारियों को निर्देश –
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पिछले महीने अधिकारियों से कहा था कि वे 2 जून के बाद हैदराबाद में लेक व्यू सरकारी गेस्ट हाउस जैसी इमारतों को अपने कब्जे में ले लें, जिन्हें 10 साल की अवधि के लिए आंध्र प्रदेश को दिया गया था.
चुनाव आयोग ने नहीं दी मुद्दों पर चर्चा की इजाजत –
अलगाव के दस साल बाद भी, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच परिसंपत्तियों के विभाजन जैसे कई मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं.
तेलंगाना सरकार ने कैबिनेट बैठक में विभाजन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने की मांग की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि चुनाव आयोग ने कथित तौर पर लोकसभा चुनावों के लिए आचार संहिता के बीच इसकी मंजूरी नहीं दी.