CHHATTISGARH NAXAL SURRENDER : छत्तीसगढ़ सरकार की नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति से खुलेगा विकास का द्वार, 120 दिन के भीतर पुर्नवास की गारंटी

CHHATTISGARH NAXAL SURRENDER : Chhattisgarh government’s new Naxalite surrender policy will open the door to development, rehabilitation guaranteed within 120 days
रायपुर, 11 अप्रैल 2025. CHHATTISGARH NAXAL SURRENDER अब वक्त है हथियार छोड़कर कलम, खेती और अपने रुचि के रोजगार व्यवसाय का प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने का। छत्तीसगढ़ सरकार हर कदम पर साथ देने को तैयार है। आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए यह व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति 2025 में की है। यह नई नीति राज्य से नक्सलवाद की समस्या को जड़ से खत्म करने और भटके हुए युवाओं को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए की गई है,ताकि वह समाज मे सम्मान पूर्वक जीवन व्यतीत कर सके।वास्तव में नक्सलियों के पुनर्वास के लिए बनाई गई नई नीति में आत्मसमर्पण करने वालों के लिए अच्छे प्रावधान किए गए हैं।
CHHATTISGARH NAXAL SURRENDER मुख्यमंत्री विष्णु देव की सरकार द्वारा लागू की गयी छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 न सिर्फ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा देती है, बल्कि उन्हें पुनर्वास, रोजगार, और सम्मानजनक जीवन की गारंटी भी देती है।
इस नीति के जरिए राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हिंसा के रास्ते पर चल रहे युवाओं के लिए अब समाज की मुख्य धारा में लौटने का दरवाज़ा पूरी तरह खुला है और वह भी सम्मान और भरोसे के साथ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खुद आह्वान किया है कि जो भी युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास और शांति की राह पर लौटना चाहते हैं, राज्य सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी।
CHHATTISGARH NAXAL SURRENDER नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वालों को ट्रांजिट कैंप या पुनर्वास केंद्र में रखा जाएगा, जहां उन्हें उनकी रुचि के अनुसार किसी न किसी हुनर में प्रशिक्षित किया जाएगा। इतना ही नहीं, तीन साल तक हर महीने 10,000 रुपये मानदेय भी दिया जाएगा। आवास के लिए शहरी इलाके में प्लाट, ग्रामीण क्षेत्र में कृषि भूमि, स्वरोजगार और व्यवसाय से जुड़ने की योजनाएं भी उनके लिए उपलब्ध रहेंगी। सबसे खास बात यह है कि आत्मसमर्पण के बाद पुनर्वास की पूरी प्रक्रिया 120 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी, ताकि वे जल्द से जल्द समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
यह नीति न केवल छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों पर लागू होगी, बल्कि अन्य राज्यों में सक्रिय नक्सलियों के लिए भी एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगी, बशर्ते वे तय प्रक्रिया के तहत प्रमाणन और अनापत्ति प्राप्त करें।
CHHATTISGARH NAXAL SURRENDER सरकार की यह पहल एक तरफ जहां राज्य में स्थायी शांति बहाल करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है, वहीं दूसरी ओर यह संदेश भी देती है कि हिंसा से कुछ हासिल नहीं होता – भविष्य निर्माण का रास्ता अब विकास, शिक्षा और सम्मानजनक जीवन से होकर गुजरता है।
राज्य और जिला स्तर पर गठित समितियों द्वारा आत्मसमर्पण के प्रत्येक प्रकरण की नियमित समीक्षा की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि लाभार्थी वास्तव में समाज में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है।