हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय को दी कड़ी चेतावनी, मृत कर्मचारी के परिजन को मिला न्याय

बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी के बर्खास्त कर्मचारी को 9 साल बाद न्याय दिया.लेकिन जीत की खुशी को सुनने के लिए कर्मचारी अब इस दुनिया में नहीं है.केस लड़ने के दौरान ही दो साल पहले कर्मचारी की मौत हो चुकी है. लिहाजा अब इस मामले में कोर्ट उसके परिवार वालों को इसका लाभ देने के निर्देश दिए हैं.
पूरा मामला बिलासपुर के केंद्रीय विश्वविद्यालय का है. जिसमें प्यून कम प्लम्बर की नियुक्ति को बर्खास्त किया गया था. कोर्ट ने माना की जांच अधिकारी ने प्रश्नोत्तर पैटर्न पर सवाल पूछकर नियम विपरीत काम किया है. गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी बिलासपुर में 1994 में प्यून कम प्लंबर के पद पर पंतराम सूर्यवंशी की नियुक्ति की गई थी. नियुक्ति के बाद 2008 में पंतराम को प्लंबर पद पर पदोन्नति दी गई.