बिना मान्यता वाले स्कूलों पर HC सख्त, चीफ जस्टिस बोले- बच्चों को 5-5 लाख का मुआवजा दो

Date:

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में बिना मान्यता के चल रहे नर्सरी स्कूलों के मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि, अगर ऐसे ही चलता रहा तो “पान दुकान वाले भी बिना मान्यता के नर्सरी स्कूल चला सकते हैं।”

कांग्रेस नेता की याचिका पर सुनवाई
कांग्रेस नेता विकास तिवारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि, बिना मान्यता के 12 साल तक स्कूल चलाना बच्चों और अभिभावकों के साथ धोखाधड़ी है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि, ऐसे स्कूलों के बच्चों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और उन्हें मान्यता प्राप्त स्कूलों में शिफ्ट किया जाए।

शिक्षा विभाग पर मुख्य न्यायाधीश नाराज
मामले की सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने एक शपथ पत्र पेश किया, जिसमें कहा गया था कि, नर्सरी स्कूलों को मान्यता देने के लिए विभाग में कोई प्रावधान नहीं है। इस पर मुख्य न्यायाधीश भड़क गए। उन्होंने कहा कि, 2013 में नर्सरी स्कूलों के लिए मान्यता का प्रावधान था, लेकिन अब जब ये स्कूल पकड़े गए हैं, तो विभाग नियम बदलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी बदलाव होंगे, वे भविष्य में लागू होंगे, पुराने मामलों पर नहीं।

बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ और धोखाधड़ी
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि, बिना मान्यता के 12 साल तक स्कूल चलाना एक अपराध है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गली-मोहल्लों में स्कूल खोलकर पैसे कमा रहे हैं और खुद मर्सिडीज जैसी महंगी गाड़ियों में घूम रहे हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने आदेश दिया कि ऐसे स्कूलों पर आपराधिक कार्रवाई की जाए और बच्चों को मुआवजा देकर दूसरे मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिला दिलाया जाए।

विकास तिवारी ने उठाए गंभीर सवाल
याचिकाकर्ता और कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा था कि, कई स्कूल एक ही मान्यता के आधार पर अलग-अलग ब्रांच चला रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कृष्णा पब्लिक स्कूल जैसे बड़े संस्थानों ने आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा नहीं दी और करोड़ों रुपये कमाए। उन्होंने कहा कि, गरीबों और वंचितों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए उन्हें जेल भी भेजा गया, लेकिन उनकी लड़ाई निर्णायक मोड़ पर है और माननीय मुख्य न्यायाधीश के फैसले से लाखों छात्रों को उनका हक मिलेगा।

शिक्षा सचिव को मिला नया आदेश
मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में शिक्षा सचिव को 13 अगस्त को एक नया शपथ पत्र पेश करने का निर्देश दिया है। जब उन्हें बताया गया कि सचिव छुट्टी पर हैं, तो उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि “हमारे डर से शिक्षा सचिव छुट्टी बढ़ा लेंगे।” उन्होंने सरकारी वकील से कहा कि यदि सचिव साहब छुट्टी से नहीं आते हैं, तो संयुक्त सचिव को ही शपथ पत्र पेश करना होगा। मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को तय की गई है।

 

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

#Crime Updates

More like this
Related

BREAKING NEWS: IPS रतनलाल डांगी चंदखुरी ट्रेनिंग अकादमी के निदेशक पद से हटाए गए…

BREAKING NEWS: रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में बड़ा प्रशासनिक...

Rural Health Coordinator Recruitment Examination: HGMF25 परीक्षा के लिए सख्त निर्देश जारी, जानिए क्या क्या रहेगा प्रतिबंधित

Rural Health Coordinator Recruitment Examination: रायपुर। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल...

Jaggi murder case: सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकारी CBI की अपील, हाईकोर्ट वापस भेजा केस

Jaggi murder case: नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के चर्चित रामअवतार जग्गी...