खुशखबरी: अब कार चालक बीएस-6 वाहनों में लगवा सकेंगे CNG और LPG किट
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने भारत स्टेज (BS-6) वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट की रेट्रो फिटमेंट एवं 3.5 टन से कम भार वाले डीजल इंजनों को सीएनजी/एलपीजी इंजन से बदलने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है. अभी तक बीएस-6 उत्सर्जन मानदंडों के तहत मोटर वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रो फिटमेंट की अनुमति है.
यह प्रस्ताव अलग-अलग हितधारकों के विचार-विमर्श से तैयार किया गया है. इस संदर्भ में सभी संबंधित हितधारकों से 30 दिनों में सुझाव मांगे गए हैं. यह प्रस्ताव केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के उस बयान के कुछ दिनों बाद आ है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हरित ईंधन और बिजली से चलने वाले वाहन डीजल और पेट्रोल पर चलने वाले मौजूदा वाहनों की जगह लेंगे.
तीन साल होगी वैधता, फिर हर साल कराना होगा रिन्यू
मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा है कि सीएनजी किट से रेट्रोफिट किए गए वाहनों के लिए टाइप अप्रूवल इस तरह की मंजूरी जारी होने की तारीख से तीन साल के लिए वैध होगा. इसके बाद हर तीन साल में इसे एक बार रिन्यू कराना होगा. सीएनजी रेट्रोफिट वाहनों के लिए अप्रूवल विशेष रूप से निर्मित वाहनों के लिए दिया जाएगा.
ऑथराइज्ड डीलर से ही लगवाएं किट
कार में लगाने वाली सभी सीएनजी किट जेनुअन नहीं होती हैं. ऐसे में अपनी कार में किसी भी सीएनजी किट को लगवाने से पहले उसकी सत्यता को पहचान लें. आपको स्थानीय वेंडर से किट लगवाने से बचना चाहिए और किसी ऑथराइज्ड डीलर से ही किट लगवानी चाहिए. हालांकि, खराब क्वालिटी की किट और अनुचित फिटिंग रिसाव का कारण बन सकती है. इससे आग लगने का खतरा रहता है.
यात्री बसों में आग की चेतावनी वाला सिस्टम जरूरी
एक अन्य फैसले में मंत्रालय ने लंबी दूरी वाली यात्री बसों और स्कूल बसों में फायर अलार्म और सप्रेशन सिस्टम लगाना जरूरी कर दिया है. बयान में कहा गया है कि लंबी दूरी तय करने के लिए बनाई गई एवं संचालित की जा रहीं यात्री बसों और स्कूल बसों के उस हिस्से में आग लगने से बचाव का सिस्टम लगाना होगा, जहां पर लोग बैठते हैं. इसके लिए 27 जनवरी को अधिसूचना जारी कर दी गई है.