कोरबा/रायपुर: छत्तीसगढ़ में 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक अहम कदम उठाया है। पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को प्रोडक्शन रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ उन्हें 3 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया गया।
सूत्रों के अनुसार, ईडी अब सौम्या चौरसिया से प्राप्त इनपुट के आधार पर निरंजन दास से पूछताछ करेगी। निरंजन दास पहले से ही आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा दर्ज शराब घोटाले की एफआईआर में जेल में बंद थे। ईडी की इस कार्रवाई के बाद जांच के दायरे में और विस्तार होने की संभावना जताई जा रही है।
शराब घोटाले का मामला:
छत्तीसगढ़ में 2019 से 2023 तक कांग्रेस सरकार के दौरान शराब नीति में बदलाव करके कुछ चहेते सप्लायरों को लाभ पहुँचाया गया। इस घोटाले में 3200 करोड़ रुपए का टैक्स चूना लगाया गया। कंपनियों ने नकली होलोग्राम और सील बनाकर महंगी शराब सरकारी दुकानों के माध्यम से बेची। इससे शासन को लाखों रुपए का नुकसान हुआ।
गिरफ्तारियां:
इस घोटाले में अब तक कई बड़े नेताओं और अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर शामिल हैं। इसके अलावा आबकारी विभाग के 28 अधिकारी भी आरोपी बने थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी।
