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Farm Laws: आज लखनऊ में किसानों की महापंचायत, अब इन मांगों पर अड़े हैं आंदोलनकारी

लखनऊ। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान भले ही पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को कर दिया, लेकिन आंदोलनकारी किसान नेता अब भी कुछ मसलों पर अपनी मांगें मनवाने के लिए अड़े हुए हैं। इन किसान नेताओं ने ऐलान कर दिया है कि वे दिल्ली के बॉर्डर पर धरना देते रहेंगे और 29 अक्टूबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने आज यूपी की राजधानी लखनऊ का रुख किया है। टिकैत लखनऊ के बंगलाबाजार इलाके में किसानों की महापंचायत करने वाले हैं। टिकैत ने अब मांग रखी है कि किसानों को एमएसपी गारंटी कानून का हक दिया जाए। साथ ही बिजली सुधार को सरकार स्थगित कर दे। अपनी इन्हीं दो मुख्य मांगों के अलावा टिकैत कई तरह की मांग पहले भी रख चुके हैं। बहरहाल, लखनऊ के बंगलाबाजार इलाके में होने जा रही किसान महापंचायत को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सीएम योगी आज लखनऊ में नहीं रहेंगे। इस वजह से अफसरों ने महापंचायत के मद्देनजर हर तरह की तैयारी कर रखी है।

Farmers Leader

अब बात करें संयुक्त किसान मोर्चा की। संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को बैठक के बाद बयान जारी कर कहा था कि कृषि कानून वापसी के बाद आंदोलन को खत्म करने के पीएम मोदी के अपील पर 27 नवंबर को बैठक कर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही किसानों की तरफ से पीएम मोदी को पत्र लिखकर सभी लंबित मामलों को निपटाने की मांग की जाएगी। बैठक के बाद किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने साफ कहा था कि आंदोलन को फिलहाल खत्म नहीं किया जाएगा। 26 तारीख को किसान जश्न मनाएंगे और 29 तारीख को ट्रैक्टर मार्च निकालकर संसद तक जाएंगे।

PM Modi

इस बीच, किसानों को एक बार फिर से बरगलाने की कोशिशें भी मोदी विरोधी विपक्ष ने शुरू कर दी हैं। विपक्ष के तमाम नेताओं ने कहा है कि मोदी सरकार एक बार फिर चेहरा बदलकर कृषि कानूनों को ला सकती है। ऐसे बयानों के बाद ही किसान संगठनों के नेताओं का अड़ियल रुख बना है। बहरहाल, बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने पर सहमति बनाने के बाद संसद के अगले सत्र में इस बारे में बिल लाने की तैयारी पीएम मोदी करने जा रहे हैं।

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