
रायपुर । उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बुधवार को राजधानी के एकात्म परिसर में प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर अब तक का सबसे बड़ा हमला था, जिसे कांग्रेस पार्टी ने सत्ता बचाने के लिए देश पर थोपा। उन्होंने कहा कि आज जो कांग्रेस संविधान बचाने की बातें करती है, वही पार्टी उस संविधान को कुचलने की दोषी है।
लोकतंत्र की हत्या का आरोप
साव ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने के लिए ‘आंतरिक अशांति’ का झूठा हवाला देकर आपातकाल लागू किया। न कोई युद्ध था, न विद्रोह – फिर भी अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग किया गया।
उन्होंने याद दिलाया कि कैसे एक न्यायिक फैसले ने इंदिरा गांधी को चुनाव में दोषी ठहराया, और उसी बौखलाहट में उन्होंने प्रेस की आजादी, नागरिक अधिकारों और न्यायपालिका की गरिमा तक छीन ली।
“तानाशाही अब भी जिंदा है”
अरुण साव ने कहा, “आज कांग्रेस के चेहरे भले ही बदल गए हों, लेकिन सत्ता की भूख और लोकतंत्र को कुचलने की तानाशाही मानसिकता अब भी जस की तस है।” उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राहुल गांधी द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यादेश फाड़ना इस मानसिकता का आधुनिक चेहरा है।
आपातकाल के जख्म और कांग्रेस की चुप्पी
उपमुख्यमंत्री ने आपातकाल के दौरान की गई ज्यादतियों की विस्तृत जानकारी दी — लाखों लोगों की गिरफ्तारी, प्रेस सेंसरशिप, जबरन नसबंदी, गरीबों के घरों को तुर्कमान गेट पर ध्वस्त करना, और विपक्ष के नेताओं को जेलों में बंद करना।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी इन घटनाओं के लिए माफी नहीं मांगी, न ही कभी शर्मिंदगी जताई। “यह केवल अतीत नहीं है, यह कांग्रेस की सोच की स्थायी पहचान है,” साव ने कहा।
“संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाएंगे 25 जून
अरुण साव ने बताया कि भाजपा 25 जून को पूरे प्रदेश में “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मना रही है, ताकि नई पीढ़ी को भी इस काले अध्याय के बारे में जानकारी दी जा सके।
उन्होंने यह भी बताया कि भूपेश बघेल सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा शासन द्वारा शुरू की गई लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि योजना को बंद कर दिया था, जिसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुनः चालू किया है।
पत्रकारों की मौजूदगी में आरोपों की झड़ी
इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, प्रवक्ता उमेश घोरमोड़े, अनुराग अग्रवाल और निशिकांत पांडे भी उपस्थित रहे। अरुण साव ने निष्कर्ष में कहा, “कांग्रेस का लोकतंत्र प्रेम महज दिखावा है, असल में वह सिर्फ अपनी सत्ता की चिंता करती है। आज जरूरत है कि देश संविधान और लोकतंत्र के असली दुश्मनों को पहचाने।”