सुप्रीम कोर्ट बार बॉडी के विरोध के बाद ED ने सीनियर एडवोकेट पी. वेणुगोपाल को जारी समन वापस लिया

18 जून को ED ने वेणुगोपाल को मेसर्स केयर हेल्थ इंश्योरेंस को पूर्व रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की चेयरपर्सन डॉ. रश्मि सलूजा को जारी किए गए ESOP (कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व) पर दी गई कानूनी सलाह पर समन जारी किया था। इससे पहले सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार को भी इसी तरह के समन जारी किए गए। हालांकि बाद में इन्हें वापस ले लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) को पत्र लिखकर ED की कार्रवाई की निंदा की और वेणुगोपाल को समन जारी करने का स्वत: संज्ञान लेने की मांग की।
यह कहते हुए कि ED की कार्रवाई से “कानूनी पेशे की स्वतंत्रता” और “वकील-ग्राहक विशेषाधिकार के मूलभूत सिद्धांत” पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, पत्र में अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित अनुरोध किए गए: (i) सद्भावनापूर्वक दी गई राय के लिए कानूनी पेशेवरों को जारी किए गए ऐसे समन की वैधता और औचित्य की जांच। (ii) वकील-ग्राहक विशेषाधिकार के किसी भी और क्षरण को रोकने और बार की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए उचित दिशा-निर्देश निर्धारित करना। इसके तुरंत बाद ED के सहायक निदेशक (मुंबई) ने तत्काल प्रभाव से संबंधित समन वापस ले लिया, जिसके अनुसार वेणुगोपाल को 24 जून को एजेंसी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया गया था।