गरीब परिवार के बच्चों के सपने हो रहे साकार, आत्मानंद स्कूल योजना से पढाई नहीं बन रही आर्थिक तंगी का शिकार, छात्रों ने कहा- सीएम भूपेश की वजह से उनके परिवार भी है खुश
The dreams of the children of poor families are coming true, studies are not becoming a victim of financial crisis due to the Atmanand School Scheme, the students said – because of CM Bhupesh, their families are also happy
रायपुर। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल की शुरुवात की। इससे प्रदेश के स्कूली बच्चों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल बन रहा है। इससे बड़ी संख्या में गरीब और कमजोर परिवार के प्रतिभावान बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। साथ ही योजना स्कूल की आधारभूत संरचना को मजबूत किया गया, पुरानी बिल्डिंग का पुनरूद्धार किया गया, साथ ही शिक्षा में उपयोगी वस्तुओं का सुधार किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की “स्वामी आत्मानंद स्कूल” योजना के तहत गरीब परिवार के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह सुनिश्चित किया कि, अंग्रेजी की पढ़ाई केवल शहरों तक सिमित न रहकर, ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में भी विकसित हो। गांव का बच्चा क्यों अंग्रेजी शिक्षा से वंचित रहे, इसके लिए उन्होंने स्वामी आत्मानाद अंग्रेजी माध्यम स्कूल गांव-गांव तक फ़ैलाने का निर्णय लिया, जिसके चलते आज गरीब परिवार के बच्चे भी अंग्रजी शिक्षा का लाभ ले पा रहे हैं। इससे छत्तीसगढ़ के बच्चों में प्रतिभा का विकास करने का प्रयास किया जा रहा है।
दरअसल सभी मां-बाप चाहते हैं कि, उनका बच्चा अच्छी शिक्षा ले, लेकिन पब्लिक स्कूल की मोटी फीस निर्वाह करना उनके लिए संभव नहीं हो पाता। माता-पिता की इन्हीं समस्याओं का निदान करने, प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल की शुरुवात की। इससे प्रदेश के स्कूली बच्चों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल बन रहा है। इससे बड़ी संख्या में गरीब और कमजोर परिवार के प्रतिभावान बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। साथ ही योजना स्कूल की आधारभूत संरचना को मजबूत किया गया, पुरानी बिल्डिंग का पुनरूद्धार किया गया, साथ ही शिक्षा में उपयोगी वस्तुओं का सुधार किया गया।
रायपुर से हुई आत्मानंद स्कूल की शुरुवात
स्वामी आत्मानंद स्कूल के तहत रायपुर में तीन अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुवात की गई। इसमें गरीब से गरीब व्यक्ति के बच्चे भी पढ़ रहे हैं। स्कूल की फीस, कॉपी-किताब और यूनिफॉर्म भी सरकार दे रही है। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत, रायपुर से हुई थी। हर जिले में एक की बात थी। डिमांड आती गई तो यह 172 हो गए हैं। जैसे-जैसे व्यवस्था होती जाएगी हम इसे बढ़ाते जाएंगे। हम अपनी राष्ट्रीय भाषा को भूल नहीं सकते। जो महापुरुषों के नाम से स्कूल हैं अथवा ऐतिहासिक स्कूलों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, सात ऐसे ऐतिहासिक स्कूल को रेनोवेट किया जाएगा। वहीं सभी जिला मुख्यालयों पर एक-एक हिंदी माध्यम स्कूल का पुनर्निमाण कराया जाएगा, जिसे स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल कहा जाएगा।
लाभार्थी ने किया सीएम का धन्यवाद
वहीं, इस योजना का लाभ लेने वाले मुकुंद धीवर ने बताया कि, वे रोजी-मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते है, उनकी बेटी पढाई में अच्छी है। उसे आगे की पढाई और अच्छी शिक्षा का शौक है। लेकिन, मुकुंद धीवर के लिए अपनी बेटी पढाई पूरी करा पाना मुश्किल था, लेकिन सरकार की आत्मानंद स्कूल योजना से आज उनकी बेटी अंग्रेजी माध्यम में पढाई कर रही है और अपने सपनों को साकार करने का प्रयास कर रही है। जिसके लिए मुकुंद धीवर मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि, वे मुख्यमंत्री के आभारी हैं।
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों ने की सीएम से मुलाकात
जांजगीर चांपा जिले के ग्राम पंचायत सिवनी में आयोजित मुलाकात कार्यक्रम में आत्मानंद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने मुख्यमंत्री से अंग्रेजी में बातचीत की। बच्चों ने बताया कि स्वामी आत्मानंद स्कूल के माध्यम से मिल रही नि:शुल्क अंग्रेजी शिक्षा से उनके परिजन काफी खुश हैं। इस दौरान स्वामी आत्मानंद स्कूल के ग्यारहवीं कक्षा के छात्र साहिल साहू ने कहा सीएम से बात करते हुए बताया कि, ‘सर, आपके कारण हमारे माता-पिता बहुत खुश हैं, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की पहल बेहद सराहनीय है।’ इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों से पूछा कि पहले निजी स्कूलों में कितनी फीस देते थे. इस पर साहिल साहू ने बताया कि प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई के दौरान हर तीन महीने में 15 हजार रुपये देने पड़ते थे।
इस योजना से परिवार के आर्थिक बोझ में कमी आई
वहीं, इसी भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान स्वामी आत्मानंद स्कूल की छात्रा माही पांडे ने बताया कि, पहले उन्हें स्कूल की सालाना फीस 20 हजार रुपये चुकानी पड़ती थी, इससे परिवार वालों को भारी आर्थिक बोझ झेलना पड़ता था। अब स्वामी आत्मानंद स्कूल में पढ़ने पर उन्हें फीस नहीं देनी पड़ती, जिससे कई परिवारों की बचत बढ़ी है। इस पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि “अगर नागरिक खुश हैं, तो मैं भी खुश हूं और अगर स्वामी आत्मानंद स्कूल में निःशुल्क शिक्षा से आपके परिवार का पैसा बच रहा है और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है, तो परिवार के सदस्य भी खुश होंगे।” इन सब की ख़ुशी में उनकी भी ख़ुशी है।