Trending Nowशहर एवं राज्य

श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुन झूम उठे श्रद्धालु, जयकारों से माहौल हुआ धर्ममय‎

खरसिया। बेलपाली में श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा में आचार्य अभिनंदन भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनाया। वहीं भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी का वेश धारण किए बाल कलाकारों पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर, विवाह के मंगल गीत गाकर नृत्य किया।

कथा वाचक आचार्य अभिनन्दन महाराज वृंदावन ने श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण की कई लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए। शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए। तत्पश्चात श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया। इस दौरान श्रद्धालुओं को धार्मिक भजनों पर नृत्य करते व जयकारे लगाते रहे, जिससे माहौल धर्ममय हो गया।

 

advt----
advt--0005-april
advt--0007-april
advt-april2025-001
Share This: