DELHI ELECTION RESULT: Big blow to Congress in Delhi Assembly elections, deposits of 67 candidates confiscated.
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है। 70 में से 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई और पार्टी लगातार तीसरी बार खाता खोलने में नाकाम रही। हालांकि, कांग्रेस के वोट शेयर में 2.1% का मामूली सुधार हुआ है, लेकिन यह किसी भी सीट में तब्दील नहीं हो सका। पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा का माहौल है।
केवल तीन उम्मीदवार बचा सके जमानत
इस चुनाव में कांग्रेस के केवल तीन उम्मीदवार ही अपनी जमानत बचाने में सफल रहे। इनमें शामिल हैं –
– कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त, जो दूसरे स्थान पर रहे।
– नांगलोई जाट से रोहित चौधरी।
– बादली से देवेंद्र यादव।
बाकी सभी कांग्रेस प्रत्याशी बीजेपी और आप के बाद तीसरे स्थान पर रहे। कुछ सीटों पर तो कांग्रेस एआईएमआईएम के उम्मीदवारों से भी पीछे रह गई, खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में।
कांग्रेस के दिग्गज भी हारे
– दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव खुद बादली सीट से तीसरे स्थान पर रहे।
– महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा कालकाजी से तीसरे नंबर पर रहीं।
– पांच बार विधायक रहे पूर्व मंत्री हारून यूसुफ बल्लीमारान में हार गए।
आप के लिए मुश्किलें बढ़ाईं
कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ने से आप को बड़ा नुकसान हुआ, खासकर अनुसूचित जाति और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में। इस वजह से आप के वोट शेयर में 10% की गिरावट दर्ज की गई। 2020 में आप का वोट शेयर 53.6% था, जो इस बार घटकर 43.19% रह गया।
वोट शेयर में मामूली बढ़त, लेकिन सीट फिर भी नहीं
– 2020 में कांग्रेस का वोट शेयर 4.3% था, जो इस बार 6.39% हो गया।
– कांग्रेस ने 2025 में 5.8 लाख वोट हासिल किए, जो 2020 में 3.95 लाख थे।
– लेकिन 2015 में 8.67 लाख और 2013 में 1.93 करोड़ वोट पाने वाली कांग्रेस अब काफी पीछे छूट गई है।
कांग्रेस नेता का दावा – 2030 में बनाएंगे सरकार
चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा – “हमने जो खोया था, उसका कुछ हिस्सा वापस पा लिया है। यह लड़ाई जारी रहेगी। 2030 में हम दिल्ली में अपनी सरकार बनाएंगे।”
इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस की स्थिति कमजोर
दिल्ली में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन से इंडिया ब्लॉक की एकता पर भी असर पड़ सकता है। विपक्षी दलों के बीच बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र में मतभेद बढ़ सकते हैं।
क्या 2030 तक कांग्रेस वापसी कर पाएगी?
कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह कहना जल्दबाजी होगी कि वह 2030 में दिल्ली की सत्ता में वापसी कर पाएगी या नहीं। लेकिन लगातार तीन विधानसभा चुनावों में शून्य पर रहने के बाद, कांग्रेस के लिए यह लड़ाई बेहद कठिन होने वाली है।
