DELHI BLAST CASE: दिल्ली ब्लास्ट केस में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने आतंकी डॉ. उमर नबी के साथी शोएब को गिरफ्तार किया है। शोएब, जो फरीदाबाद के धौज गांव का रहने वाला है, अल-फलाह यूनिवर्सिटी में वार्ड बॉय था। उस पर आरोप है कि उसने आतंकी उमर को सामान लाने और ले जाने में मदद की थी। शोएब ने ही नूंह में उमर को अपनी साली अफसाना के घर में कमरा किराए पर दिलाया था, जहाँ उमर 10 नवंबर को हुए दिल्ली ब्लास्ट से पहले 10 दिन रहा। विस्फोट वाले दिन, वह नूंह से ही दिल्ली के लिए रवाना हुआ था।
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आतंकी मॉड्यूल में शामिल डॉ. मुजम्मिल शकील की निशानदेही के बाद, जांच एजेंसी NIA डॉ. आदिल अहमद और लेडी डॉक्टर डॉ. शाहीन सईद को अल-फलाह यूनिवर्सिटी लाएगी। अब तक की जांच में पता चला है कि डॉ. आदिल और डॉ. उमर नबी के बीच कई सालों से दोस्ती थी। आदिल कई बार उमर से मिलने यूनिवर्सिटी आया और यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में उमर के फ्लैट में ठहरता था। यहीं उसकी मुलाकात मुजम्मिल शकील और शाहीन सईद से हुई। जांच में यह भी सामने आया है कि आदिल ने फतेहपुरा तगा और धौज गांव में विस्फोट की योजना का आइडिया दिया था, क्योंकि इलाके में काफी मुस्लिम आबादी है और यहां बगैर किसी कागजी प्रक्रिया के आसानी से कमरे किराए पर मिल जाते हैं।
आदिल ने ही विस्फोटक ठिकानों का खुलासा किया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर 26 अक्टूबर को सहारनपुर से आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था। उसके कश्मीर स्थित घर से एके-47 राइफल बरामद हुई। आदिल की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में विस्फोटक सामग्री मिलने का मामला सामने आया। पुलिस की सख्त पूछताछ में आदिल ने व्हाइट कॉलर टेटर मॉड्यूल में शामिल अन्य डॉक्टरों के नाम उजागर किए और फतेहपुरा तगा तथा धौज गांव में विस्फोटक सामग्री जुटाने की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने मुजम्मिल शकील को गिरफ्तार किया।
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आदिल और दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए आतंकी उमर नबी आपस में दोस्त थे। दोनों जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में स्थित एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत थे। बाद में आदिल ने यूपी के सहारनपुर में नौकरी शुरू की, जबकि उमर नबी ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम करना शुरू किया। भले ही दोनों अलग-अलग जगहों पर रहे, उनका संपर्क लगातार बना रहा।
आदिल की पत्नी और भाई भी डॉक्टर हैं। आदिल, कश्मीर के कुलगाम जिले के वानपुरा का रहने वाला है, और उसने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई पूरी की। वह अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) में रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। 2024 में उसने अस्पताल से इस्तीफा देकर सहारनपुर आ गया, जहाँ उसने कई अस्पतालों में काम किया और बाद में फेमस मेडिकेयर अस्पताल में लाखों के पैकेज पर शामिल हुआ। 4 अक्टूबर को आदिल ने जम्मू-कश्मीर में शादी की। पुलिस के अनुसार, आदिल का भाई भी डॉक्टर है और उसकी पत्नी रुकैया मनोचिकित्सक हैं।
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अल-फलाह यूनिवर्सिटी में उमर नबी से मिलने के लिए आदिल कई बार आया। यूनिवर्सिटी कैंपस में ही उमर नबी ने आदिल की मुलाकात मुजम्मिल और डॉ. शाहीन सईद से कराई। आदिल यूनिवर्सिटी में उमर नबी और मुजम्मिल के हॉस्टल फ्लैट में ही ठहरता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी अब यह पता लगा रही है कि आदिल यूनिवर्सिटी में किन-किन लोगों के संपर्क में था, वह कितनी बार आया और किस समय आया। आदिल के आने-जाने के बीच का पूरा समय रिकॉर्ड भी जांच में लिया जा रहा है।
अब शाहीन से कराई जाएगी निशानदेही
जांच एजेंसी जल्द ही डॉ. शाहीन सईद को निशानदेही के लिए अल-फलाह यूनिवर्सिटी ले जाएगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आतंक नेटवर्क में शाहीन की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी। वह यूनिवर्सिटी की करिकुलम कमेटी में तीसरे नंबर पर पदस्थ थी। शाहीन पर आरोप है कि वह युवाओं को नेटवर्क में शामिल करने के लिए ब्रेनवॉश का काम करती थीं। अब जांच एजेंसी उनका यूनिवर्सिटी में पूरा मूवमेंट खंगालेगी वह किससे मिलती थीं, बैठकें कहां होती थीं और इन बैठकों में कौन-कौन शामिल रहता था। साथ ही, शाहीन की कार से बरामद हथियार यूनिवर्सिटी तक कैसे पहुंचे, किस रास्ते लाए गए और उन्हें कैंपस में कहां व किस तरह छिपाया गया इन सभी बिंदुओं की विस्तृत जानकारी जुटाई जाएगी।
मुजम्मिल ने कराई निशानदेही – अमोनियम नाइट्रेट की खरीद का खुलासा
मुजम्मिल शकील को NIA ने स्थानीय पुलिस के साथ 24 नवंबर की रात फरीदाबाद में निशानदेही के लिए लाया। टीम ने फरीदाबाद और गुरुग्राम के सोहना तथा फतेहपुर तगा में करीब चार घंटे तक उसके विभिन्न गतिविधियों का निरीक्षण किया। इसके अलावा, अल-फलाह यूनिवर्सिटी में उसके मेडिकल केबिन, कमरे और सहयोगी छात्रों से संपर्क की भी छानबीन की गई। इस दौरान मुजम्मिल ने लक्ष्मी बीज भंडार और मदान बीज भंडार की पहचान की और बताया कि उसने जनवरी–फरवरी 2023 में इन्हीं दुकानों से अमोनियम नाइट्रेट खरीदा था।
