चक्रवात ‘जवाद’ की आहट, पुरी में तेज हवाएं और बारिश, रेलवे ने 75 ट्रेनों को किया रद्द
नई दिल्ली : भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में एक गहरा दबाव शुक्रवार को चक्रवाती तूफान जवाद में तब्दील हो गया. रविवार तक इस चक्रवाती तूफान के ओडिशा के पुरी तक पहुंचने की पूरी संभावना है. जवाद तूफान की वजह से जो क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, उसमें उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण तटीय ओडिशा शामिल हैं. इस इलाकों में बहुत भारी बारिश की संभावना है. कुछ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है. मौसम विभाग ने वीकेंड पर पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की भी भविष्यवाणी की है.
पुरी में तूफान जवाद का असर देखने को मिलना शुरू हो गया है. ये तूफान रविवार को ओडिशा के तट से टकराने (Cyclone Jawad in Odisha) वाला है, लेकिन पुरी (Puri) में अभी से ही तेज बारिश होने लगी है. इसके अलावा, हवाओं की रफ्तार भी तेज हो गई है. इस वजह से एनडीआरएफ (NDRF) की 64 टीमों को तैनात कर दिया गया है. एनडीआरएफ के अधिकारी बिश्वनाथ चौधरी ने कहा कि जवाद तूफान के मद्देनजर ओडिशा के पुरी में एक टीम को तैनात किया गया है. अगर यहां पर स्थिति बिगड़ती है तो हमारे पास सभी जरूरी उपकरण हैं और टीम पूरी तरह से तैयार है.
जलभराव की वजह से यातायात होगा प्रभावित
मौमस विभाग भुवनेश्वर के डायरेक्टर एच आर विश्वास ने बताया कि तूफान के दौरान हवा की अधिकतम गति 75 किमी/घंटा रहने का अनुमान है. यहां पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है और किसी भी क्षेत्र में तूफान की चेतावनी नहीं है. जलभराव के कारण यातायात प्रभावित हो सकता है. उन्होंने कहा कि केवल तट के निचले इलाकों और संवेदनशील इलाकों में ही लोगों को निकाला गया है. वहीं, तूफान के मद्देनजर पुरी के तट को खाली करा दिया गया है. यहां पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है, ताकि लोगों को बाहर निकालने के काम में तेजी लाई जा सके और लोगों को यहां आने से रोका जा सके.
तूफान के कमजोर होने का आसार
वहीं, भारतीय मौसम विभाग ने एक बयान जारी कर बताया कि शनिवार सुबह 5.30 बजे तक जवाद तूफान आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम से लगभग 230 किमी दक्षिण-पूर्व और ओडिशा में पुरी से 410 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में पश्चिम-मध्य पर केंद्रित था. विभाग ने कहा कि तूफान के धीरे-धीरे कमजोर पड़ने और अगले 12 घंटे में उत्तर की ओर बढ़ने की उम्मीद है और इसके बाद यह उत्तर की तरफ ओडिशा के तट की तरफ गहरे दबाव के क्षेत्र के रूप में पुरी के पास जा सकता है. इसके बाद जवाद के और कमजोर होने और उत्तर-पूर्वोत्तर की तरफ ओडिशा से पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ने के आसार हैं.
तूफान से क्या हो सकता है नुकसान?
रिलीफ कमिश्नर प्रदीप कुमार जेना ने कहा कि हमारी सभी रिस्पांस टीम खेतों में तैनात हैं और कुछ लोगों को बाहर निकालने का काम भी जारी है. केवल निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस चक्रवात के प्रभाव की वजह से हमें ओडिशा में धान की फसलों के बड़े पैमाने पर नुकसान होने की उम्मीद है. फसलों के नुकसान होने का आकलन किया जा रहा है. जेना ने कहा की मछली पकड़ने की लगभग 22,700 नौका पहले से समुद्र और चिल्का झील से वापस आ चुकी हैं. तूफान की वजह से पुरी में जलभराव की भी उम्मीद है, जिसकी वजह से सड़कों पर जाम लग सकता है.
ट्रेनें रद्द-गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में किया गया ट्रांसफर
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने चक्रवात जवाद के मद्देनजर 4 और 5 दिसंबर को ओडिशा से गुजरने वाली 75 से अधिक यात्री ट्रेनों को दो दिनों के लिए रद्द करने का फैसला किया है. ओडिशा सरकार चक्रवात प्रभावित जिलों में गर्भवती महिलाओं को जवाद के मद्देनजर अस्पतालों में स्थानांतरित कर रही है. अब तक 400 से अधिक गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में ले जाया जा चुका है. इस बीच, चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना वाले क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
एनडीआरएफ डीजी अतुल करवल ने कहा, ‘एनडीआरएफ जवाद चक्रवात के लिए तैयार है. पश्चिम बंगाल, आंध्र और ओडिशा के प्रभावित क्षेत्रों में कुल 64 टीमें मौजूद हैं, जिनमें से 52 को तैनात किया गया है. आईएमडी के अनुसार, चक्रवात की तीव्रता और हवा की गति कम हो गई है और ये विशाखापत्तनम से लगभग 200 किमी दूर है.’ उन्होंने कहा, ‘भविष्यवाणी के मुताबिक आधी रात तक चक्रवात डीप डिप्रेशन में बदल जाएगा. कुछ क्षेत्रों में 3-7 सेमी वर्षा देखी गई है. अब तक कोई मोबाइल कनेक्टिविटी समस्या या सड़क ब्लॉक देखने को नहीं मिला है.’