COVID JN.1 VARIANT: Fear of corona is returning to the world again, panic in many countries including India due to JN.1 variant, two deaths in Mumbai
नई दिल्ली. कोरोना वायरस का नया वैरिएंट JN.1 एक बार फिर दुनिया को डराने लगा है। थाईलैंड, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में मामलों में तेज़ वृद्धि देखी जा रही है। भारत में भी हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। महाराष्ट्र के मुंबई में कोविड संक्रमित दो मरीजों की मौत की खबर से स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है।
मुंबई में दो मौतें, एक्टिव केस 257 के पार
मुंबई के केईएम अस्पताल में भर्ती दो मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई। हालांकि, दोनों ही पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे — एक मरीज को मुंह का कैंसर था और दूसरे को नेफ्रोटिक सिंड्रोम। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक देश में एक्टिव केसों की संख्या 257 से ऊपर पहुंच चुकी है। केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों से सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं।
सिंगापुर में हाई अलर्ट, 30% बढ़े अस्पताल में भर्ती
सिंगापुर में 5 से 11 मई के बीच कोविड के 25,900 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान अस्पताल में भर्ती मरीजों की औसत संख्या 181 से बढ़कर 250 हो गई है। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री ओंग ये कुंग ने बताया कि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो चुकी है। उन्होंने टीकाकरण के एक नए चरण और बूस्टर डोज़ लेने की अपील की है।
थाईलैंड में भी बिगड़ते हालात, बैंकॉक सबसे ज्यादा प्रभावित
थाईलैंड के रोग नियंत्रण विभाग के अनुसार, बीते सप्ताह 33,030 नए कोविड केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 6,000 से अधिक मामले केवल बैंकॉक में मिले हैं। 1,918 मरीज अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं, जबकि दो मरीजों की मौत सुखोथाई और कंचनबुरी में हुई है।
हांगकांग में बुज़ुर्गों पर कहर, मौत का आंकड़ा बढ़ा
हांगकांग में भी कोरोना के मामलों में तेज़ उछाल देखने को मिला है। मार्च में जहां पॉजिटिविटी रेट 1.7% था, अब वह बढ़कर 11.4%हो गया है। अब तक 81 नए केस सामने आए हैं और 30 मौतें हो चुकी हैं। अधिकतर मृतकों की उम्र अधिक थी और वे पहले से बीमार चल रहे थे।
कोरोना के लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें
• हल्का बुखार या गले में खराश
• नाक बंद होना या बहना
• सिरदर्द, बदन दर्द और थकान
• सूखी खांसी या सांस लेने में दिक्कत
वैज्ञानिकों की नई खोज: नाक से दी जाने वाली वैक्सीन
Yale University के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नाक से दी जाने वाली वैक्सीन (नेज़ल वैक्सीन) विकसित की है, जो वायरस को शरीर में घुसने से पहले ही रोक सकती है। ‘Nature Immunology’ में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, यह वैक्सीन कोरोना जैसे सांस के ज़रिए फैलने वाले वायरस के खिलाफ ज्यादा असरदार साबित हो सकती है।
सतर्कता जरूरी, खतरा अभी टला नहीं
विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही यह लहर पहले जितनी जानलेवा न हो, लेकिन वायरस के लगातार बदलते रूप और लोगों की कम होती इम्यूनिटी इसे खतरनाक बना सकते हैं। भारत सहित पूरी दुनिया में टीकाकरण के नए चरण की सख्त ज़रूरत महसूस की जा रही है।
