CHINA TAIWAN NEWS : चीन और ताइवान के बीच युद्ध तय ?, लाइव मिलिट्री ड्रिल को और ज्यादा बढ़ाने का ऐलान

War between China and Taiwan fixed?, Announcement to increase live military drill more
डेस्क। चीन और ताइवान के बीच तनाव अब और बढ़ता जा रहा है, जिसने युद्ध का खतरा भी बढ़ा दिया है. ताजा संकट की वजह अमेरिकी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल है. यह प्रतिनिधिमंडल नैंसी पेलोसी के बाद अब ताइवान यात्रा पर पहुंचा है. इससे चीन चिढ़ा हुआ है. चीन ने यूएस स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान आने के वक्त ही नाराजगी जताई थी, साथ ही साथ चेतावनी दी थी कि दोबारा कोई अमेरिकी स्पीकर ताइवान ना जाए.
नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने के बाद से ही चीन चिढ़ा हुआ है. उसने तब ही ताइवान को घेरकर मिलिट्री ड्रिल शुरू कर दी थी. अब ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की है. इससे चिढ़कर चीन ने ताइवान के आसपास अपनी लाइव मिलिट्री ड्रिल को और ज्यादा बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. ताइवान ने भी इसकी पुष्टि की है.
ताइवान का कहना है कि आज चीन के 30 एयरक्राफ्ट्स और 5 पोतों ने आज उनके आसपास मिलिट्री ड्रिल की. ताइवान का दावा है कि 30 में से 15 एयरक्राफ्ट ने ताइवान जलसंधि की मीडियन लाइन को क्रॉस किया था.
चीन और ताइवान की जंग किस बात पर है?
ताइवान और चीन के बीच जंग काफी पुरानी है. 1949 में कम्यूनिस्ट पार्टी ने सिविल वार जीती थी. तब से दोनों हिस्से अपने आप को एक देश तो मानते हैं लेकिन इसपर विवाद है कि राष्ट्रीय नेतृत्व कौन सी सरकार करेगी.
चीन ताइवान को अपना प्रांत मानता है, जबकि ताइवान खुद को आजाद देश मानता है. दोनों के बीच अनबन की शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के बाद से हुई. उस समय चीन के मेनलैंड में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और कुओमितांग के बीच जंग चल रही थी.
1940 में माओ त्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने कुओमितांग पार्टी को हरा दिया. हार के बाद कुओमितांग के लोग ताइवान आ गए. उसी साल चीन का नाम ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ और ताइवान का ‘रिपब्लिक ऑफ चाइना’ पड़ा. चीन ताइवान को अपना प्रांत मानता है और उसका मानना है कि एक दिन ताइवान उसका हिस्सा बन जाएगा. वहीं, ताइवान खुद को आजाद देश बताता है. उसका अपना संविधान है और वहां चुनी हुई सरकार है.