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Chhattisgarh yojana: मुख्यमंत्री की कल्याणकारी पहल, जनता ने बताया सार्वभौम पीडीएस को महत्वाकांक्षी योजना, सभी वर्ग के लोग हैं इसका हिस्सा

रायपुर। यह जनहितकारी और कल्याणकारी योजना है। इसके तहत सभी वर्गों के परिवारों को अनाज वितरण किया जा रहा है, जिससे सभी वर्गों को खद्यान प्राप्त हो रहा है। यह वर्ग भेद की समस्या को दूर करने में एक सहायक कदम साबित हो रहा है। इस कल्याणकारी योजना की शुरुवात, 2 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हुआ। यह छत्तीसगढ़ के अन्य योजनाओं के मुकाबले सर्वाधिक लोकप्रिय है।

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छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की जनहितकारी योजना “सार्वभौम पीडीएस योजना” सर्वाधिक लोकप्रिय हो रही है। इससे सभी जनता को समान अधिकार मिल रहा है। यह जनहितकारी और कल्याणकारी योजना है। इसके तहत सभी वर्गों के परिवारों को अनाज वितरण किया जा रहा है, जिससे सभी वर्गों को खद्यान प्राप्त हो रहा है। यह वर्ग भेद की समस्या को दूर करने में एक सहायक कदम साबित हो रहा है। इस कल्याणकारी योजना की शुरुवात, महात्मा गांधीजी के 150वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2019 को प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हुआ। यह छत्तीसगढ़ के अन्य योजनाओं के मुकाबले सर्वाधिक लोकप्रिय है। इसका प्रचार- प्रसार भी तेजी से और अधिक हुआ। साथ ही इसके क्रियान्वयन के लिए राशन कार्ड भी बनाये गए। इसके साथ ही अब प्रदेश के लगभग सभी परिवार राशनकार्ड के लिए पात्र हो गए हैं।

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दरअसल यह योजना राज्य सरकार की सर्वजन हिताय योजना है। यह सभी वर्ग के गरीब परिवारों से जुड़ा हुआ है। इस योजना के चलते अब कोई भी व्यक्ति राशनकार्ड या राशन से वंचित नहीं रहेगा। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 96% लोगों का खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही खाद्य विभाग द्वारा राज्य के सभी राशनकार्डधारी परिवारों को हर महीने 35 किलो चावल दिया जा रहा है। सार्वभौम पीडीएस के माध्यम से लाखों परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध कराया गया है।

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क्या है सार्वभौम पीडीएस योजना
यह छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की एक क्रांतिकारी योजना है। इस योजना के तहत सभी सामान्य परिवारों को खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। बता दें कि, सामान्य राशनकार्डो में खाद्यान्न की पात्रता – 01 सदस्यीय परिवार के लिए 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार के लिए 20 किलो, 3 या 03 से अधिक सदस्यीय परिवार के लिए 35 किलो खाद्यान्न 10 रूपये प्रतिकिलो प्रतिमाह निर्धारित की गई है। वर्तमान में 9 लाख 20 हजार सामान्य राशनकार्डधारी परिवारों को खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। वर्ष 2012 में खाद्य सुरक्षा अधिनियम में सामान्य परिवार हेतु प्रतिमाह 15 किलो चावल की पात्रता रखी गई थी, जिसे अप्रैल 2015 में समाप्त कर दी गई। प्रदेश में कई परिवार ऐसे हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और ऐसे परिवारों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिये सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम में आवश्यक प्रावधान किये तथा सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत वर्तमान में राज्य के 9.20 लाख सामान्य परिवारों को प्रतिमाह 10 रूपए किलो में पात्रता अनुसार चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य के एपीएल परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जून, 2020 से 10 रूपए प्रतिकिलो की दर पर 2 किलो नमक प्रति कार्ड प्रतिमाह प्रदाय किया जा रहा है।

क्या है इस योजना का उद्देश्य

 

इस योजना का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर आवश्यक उपभोग की वस्तुएँ प्रदान करना है ताकि मूल्य वृद्धि के प्रभावों से उन्हें बचाया जा सके। साथ ही उन सभी गरीब जनता को अनाज उपलब्ध कराना है, जिन्हें सामान्य जाति वर्ग में आने के कारण राशन नहीं मिल पाता। इस योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सभी वर्ग के लोगों को बराबर अधिकार और अनाज मिल रहा है, जिससे गरीब परिवारों को राहत मिली है। यह योजना सर्वजन के हितों के लिए है। इस योजना से नागरिकों में न्यूनतम पोषण की स्थिति को भी बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की एक कल्याणकारी पहल है। भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित की जाने वाली वस्तुओं में सबसे महत्त्वपूर्ण चावल, गेंहू, चीनी और मिट्टी का तेल हैं। इस प्रणाली के खाद्यान्न उपलब्ध कराने वाली प्रमुख एजेंसी भारतीय खाद्य निगम है। निगम का कार्य अनाज व अन्य पदार्थों की खरीद, बिक्री व भंडारण करना है।

सभी परिवारों को मिल रही खाद्य सुरक्षा गारन्टी

सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत प्राथमिकता राशनकार्डों में खाद्यान्न पात्रता में वृद्धि के साथ-साथ अब राज्य सरकार द्वारा बीपीएल और एपीएल दोनों परिवारों को खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है। इसके तहत नारायणपुर जिले में सार्वभौम पीडीएस योजना के तहत् कुल 34 हजार 654 राशन कार्ड बनाये गये हैं। जिसमें से नारायणपुर विकासखंड के अंतर्गत कुल 19176 ओरछा विकासखंड में 9617 और नारायणपुर नगरीय क्षेत्र में 5745 राशन कार्ड है। नारायणपुर में राज्य सरकार की नवीनतम सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये, जिले के लगभग प्रत्येक परिवार को खाद्य सुरक्षा की गारन्टी मिल रही है। इस योजना के माध्यम से सामान्य परिवारों को भी एपीएल राशनकार्ड के जरिये न्यूनतम दर पर अधिकतम 35 किलो खाद्यन्न हर महीने उपलब्ध हो रही है। सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना को निर्धन परिवार सराहनीय पहल बता रहें हैं और प्रदेश सरकार को धन्यवाद दे रहे है।

कोटवार से कलेक्टर तक इस योजना का हिस्सा

वहीं, मंत्री अकबर ने सार्वभौम पीडीएस को लेकर कहा कि, हमने जो वादा किया था, उसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पूरा कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के सभी परिवारों को राशनकार्ड बनाकर दिया गया। अब वर्तमान परिस्थितियों में परिवार बढ़ने और विवाह के बाद परिवार से जो अलग हो रहे हैं ऐसे परिवारों को भी छत्तीसगढ़ सार्वभौम पीडीएस योजना से जोड़कर उनके लिए योजना के तहत राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। परिवार से अलग हो रहे लोगों को वर्तमान में शासन की योजना से जोड़ने के लिए निर्णय लिया है। अब उसी निर्णय के आधार पर ऐसे लोगों को इस योजना से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य शासन ने सबको रियाती दर पर राशन उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कोटवार से लेकर कलेक्टर तक को इस योजना में शामिल किया है। राशन कार्ड के लिए गरीबी रेखा में होना अनिवार्य नहीं है यह योजना सभी लोगों के लिए है।

कम पैसों में पेट भरने का साधन है यह योजना

बता दें कि, कोरोना महामारी के समय पूरे प्रदेश में लगे लॉकडाउन के कारण रोज कमाने और खाने वाले तथा कम आय वाले लोगों की सबसे बड़ी समस्या थी, भोजन की व्यवस्था। ऐसे वर्ग के लोगों के लिए सार्वभौम पीडीएस योजना बहुत ही मददगार साबित हुई है। जिसमें बहुत ही कम रूपयों में महीने पर पेट भरने की व्यवस्था राज्य शासन द्वारा संचालित सार्वभौम पीडीएस योजना द्वारा की गई थी। वहीं, सामान्य दिनों में भी यह योजना गरीब परिवारों के लिए काफी लाभदायक साबित हुई। इस योजना से न सिर्फ उन्हें अनाज मिला, बल्कि अन्य जरुरी वस्तुएं भी उपलब्ध हुईं।

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